प्रशांत किशोर पर FIR, विधानसभा घेराव के दौरान बढ़ा तनाव
पटना, 23 जुलाई – बिहार की राजधानी पटना में जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर और उनके समर्थकों के खिलाफ विधानसभा घेराव के दौरान कानून-व्यवस्था बिगाड़ने और प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान हुई।
सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने बताया कि मजिस्ट्रेट के बयान के आधार पर सचिवालय थाना में प्रशांत किशोर सहित करीब 300 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
🪧 जन सुराज का विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई
प्रशांत किशोर के नेतृत्व में जन सुराज के कार्यकर्ता शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और भू-सर्वेक्षण में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे।
पुलिस ने चितकोहरा गोलंबर के पास बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन जब भीड़ बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ी, तो पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासत में लिया, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
🗣️ किशोर का तीखा हमला: “यह तो सिर्फ शुरुआत है”
घटना के बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“यह तो सिर्फ शुरुआत है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो अगली बार एक लाख लोग पटना की सड़कों पर उतरेंगे।”
उन्होंने नीतीश सरकार को “नौकरशाही का जंगलराज” और लालू प्रसाद के शासन को “संगठित अपराध का जंगलराज” करार दिया। किशोर ने अपने अभियान को और आक्रामक बनाने की चेतावनी भी दी।
👮♂️ पटना पुलिस का पक्ष: “न्यूनतम बल का उपयोग किया गया”
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन बिना अनुमति के किया गया था और यह क्षेत्र प्रतिबंधित था। सिटी एसपी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को कई बार चेतावनी दी गई थी, और पुलिस ने केवल न्यूनतम बल का उपयोग किया।
हालांकि, जन सुराज समर्थकों का दावा है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था और पुलिस ने अनावश्यक बल प्रयोग किया।
⚖️ बिहार की सियासत में नया मोड़
यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर रहा है। चुनावी रणनीतिकार के रूप में पहचान बना चुके प्रशांत किशोर अब जन सुराज अभियान के ज़रिए तीसरे राजनीतिक विकल्प के रूप में उभरने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि 2024 के उपचुनावों में उनकी पार्टी को सफलता नहीं मिली, लेकिन 3,000 किमी की पदयात्रा और 5,000 से अधिक गांवों में जनसंपर्क ने उन्हें ज़मीन से जुड़ा चेहरा बना दिया है।
🎯 जन सुराज का मुद्दा-आधारित आंदोलन
जन सुराज अभियान की रणनीति शिक्षा, रोजगार और शराबबंदी जैसे ठोस मुद्दों पर केंद्रित है। किशोर की आक्रामक शैली और नीतीश सरकार के खिलाफ सीधा हमला, ग्रामीण क्षेत्रों और युवाओं में पकड़ मजबूत कर रहा है।
किशोर का दावा है कि उनका अभियान बिहार में बदलाव की मजबूत आवाज बनकर उभरेगा।
