झारखंड में संस्था निबंधन के लिए नई नियमावली 2025 लागू, अब ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य
रांची, 23 जुलाई । झारखंड सरकार ने ‘बिहार संस्था निबंधन नियमावली 1985’ को निरस्त करते हुए नई ‘झारखंड संस्था निबंधन नियमावली 2025’ को लागू कर दिया है। राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।
📋 अब ऑनलाइन आवेदन और वार्षिक रिपोर्ट अनिवार्य:
अब संस्थाओं को ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से निबंधन कराना होगा और हर वित्तीय वर्ष के अंत में अपनी गतिविधियों, अनुदानों (राज्य, केंद्र या विदेशी फंडिंग) की जानकारी राज्य सरकार को देना अनिवार्य होगा।
💰 फीस संरचना:
- राष्ट्रीय स्तर पर निबंधन: ₹3000 (कंप्यूटरीकरण शुल्क)
- केवल झारखंड के लिए: ₹2000
- राज्य व राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर: ₹1000 अतिरिक्त
- नवीकरण: समय पर कराना अनिवार्य
- तीन साल तक वार्षिक रिपोर्ट नहीं देने पर: निबंधन रद्द
⚠️ निबंधन रद्द होने के कारण:
- समय पर नवीकरण न कराना
- कदाचार या गलत जानकारी देना
- तीन वर्ष तक वार्षिक प्रतिवेदन न देना
✅ किन प्रयोजनों के लिए संस्था का निबंधन होगा:
- सामाजिक कल्याण
- शिक्षा और खेल
- महिला एवं बाल विकास
- स्वास्थ्य सेवाएं
- पर्यावरण संरक्षण
- जनहित के अन्य कार्य
❌ निबंधन किन मामलों में अस्वीकृत होगा:
- पहले से मौजूद संस्था जैसे नाम पर
- नाम से यह आभास हो कि संस्था सरकारी है
- जाति, धर्म विशेष को बढ़ावा देने पर
- न्यायालय में आरोप सिद्ध होना
- व्यवसायिक उद्देश्य
- पूर्व में अर्थदंड का भुगतान न करना
💬 सरकार की स्पष्ट नीति:
सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह संस्थाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन यदि सहायता दी जाती है तो वह स्वैच्छिक होगी।
🧾 यह क्यों महत्वपूर्ण है?
यह नई नियमावली राज्य में कार्यरत NGO और अन्य गैर-सरकारी संस्थाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
