संत अल्बर्ट्स कॉलेज राँची में नए शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ

राँची

रांची : संत अल्बर्ट्स कॉलेज राँची में शैक्षणिक सत्र 2023-24 का शुभारंभ, उद्घाटन समारोह के साथ किया गया. इस समारोह में विभिन्न गतिविधियों को सम्मिलित किया गया जिसके अंतर्गत मिस्सा बलिदान, नये सत्र की घोषणा, दीप प्रज्वलन, स्वागत संबोधन, अवार्ड परितोषण, अतिथियों का संबोधन तथा स्कॉला ब्रेविस रहा. 

मुख्य अतिथि रहे महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो

समारोह के मुख्य अतिथि कॉलेज के चांसलर व रांची महाधर्मप्रान्त के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो तथा विशिष्ट अतिथियों में कॉलेज के वाईस चांसलर व खूंटी के धर्माध्यक्ष विनय कंडुलना थे. इस अवसर पर कॉलेज के स्टाफ, विद्यार्थी, गोसनेर कॉलेज के विद्यार्थी व स्टाफ एवं अतिथिगण उपस्थित हुए.

आर्चबिशप बोले- मानवीय मूल्यों को आत्मसात करने की जरूरत

कार्यक्रम की शुरुआत मिस्सा पूजा से हुई, जिसका मुख्य अनुष्ठाता आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो थे. प्रवचन में उन्होंने कहा, आप यहाँ नबी, चरवाहा तथा शिक्षक बनने के लिये प्रशिक्षित किये जाते हैं. ईश्वरीय प्रज्ञा के साथ मानवीय मूल्यों को आत्मसात करके उनकी गहराई तक जाने की जरूरत है.

पवित्र आत्मा को धारण करके चलना है

पवित्र आत्मा प्रज्ञा, ज्ञान और समझदारी को अंगीकृत करता है. इसलिए सत्र के शुरुआत से पवित्र आत्मा को धारण करके चलना है. आध्यत्मिक अनुभित व चेतना को जगाने की आवश्यकता है. ईश्वर द्वारा प्रदत्त गुणों को दूसरों की सेवा के लिए समर्पित करें जैसे प्रभु येसु ख्रीस्त ने किया. 

‘सिनोडल वे ऑफ वैवरन्ट कम्युनिटी’ पर चिंतन का आह्वान

अतिथियों के दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम के दूसरे चरण का सत्र प्रारंभ हुआ. तद्पश्चात रेक्टर फादर अजय खलखो के द्वारा स्वागत संबोधन किया गया. कॉलेज के प्रेसिडेंट फादर जोन क्रास्ता ने सत्र के मूल विषय ‘सिनोडल वे ऑफ वैवरन्ट कम्युनिटी’ पर चिंतन के लिये आह्वान किया. इस विषय पर प्रकाश डालने हेतु जमशेदपुर एक्स.एल.आर.ई के बिज़नेस एथिक्स के प्रोफेसर डॉ. फादर कुरविल्ला एसजे थे. 

सिनोडल- आशा और आनंद की यात्रा है

उन्होंने जानकारी साझा करते हुए कहा सिनोडल का तातपर्य है एक साथ यात्रा करना. यह आशा और आनंद की यात्रा है. ईश्वर को खुद के दिल की गुफा, प्रकृति, तथा एक दूसरे में ढूढें. हमें हर प्रकार की भ्रांति व क्रांति से बचना चाहिये. मानव मूल्य के साथ प्रकृति की भी रक्षा हो. विश्व शांति, एकता, न्याय, के लिये निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए.

संतो एवं महाआत्माओं के जीवन से भी सीखें

इस मौके पर बिशप विनय कंडुलना ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा शिक्षण संस्थाओं में रहना ही काफी नहीं है. क्लास या पुस्तक से ही नहीं बल्कि संतो एवं महाआत्माओं के जीवन से भी सीखें. येसु का जीवन अनुकरणीय है उन्के ज्ञान में परिपूर्ण होने की जरूरत है. येसु के प्रेम से भर जाना है.

परितोषण भाग का संचालन रैमन तोबियस टोप्पो ने किया

अवार्ड परितोषण भाग का संचालन फादर रैमन तोबियस टोप्पो ने किया. सिस्टर नेस्सा को पीएचडी तथा फादर सोलोमन लुगुन, फादर सुमित डुंगडुंग को एमटीएच डिग्री दिये जाने तथा 18 विद्यार्थियों को मोरल एंड साइंस एजुकेशन में पीजी डिप्लोमा डिग्री दिये गये हैं उसकी जानकारी दी. इस समारोह में 17 को बैचलर इन थियोलॉजी, 25 को बैचलर इन फिलोसोफी तथा 5 को डिप्लोमा इन फिलोसोफी प्रदान किया गया.

कार्यक्रम के अंत में ब्रदर सतीस केरकेट्टा के द्वारा आभार प्रकट किया गया. मंच का संचालन ब्रदर क्लिंटन लेपचा ने किया.

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