पहले चरण में एनडीए को दो तिहाई सीटें मिल रही हैं: शिवराज सिंह चौहान

यूटिलिटी

देवघर : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि झारखंड में पहले चरण के विधानसभा चुनाव में एनडीए को दो तिहाई से ज्यादा सीटें मिल रही हैं. पहले जहां कोल्हान में एक भी सीट नहीं थी, वहां इस बार शत-प्रतिशत सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी जीत दर्ज कर रहे हैं. शिवराज मैहर गार्डन में पत्रकारों से बात कर रहे थे. तीन महीने से झारखंड में हूं और पूरे विश्वास के साथ कर सकता हूं कि यहां के लोग इस सरकार से परेशान होकर परिवर्तन का मन बना लिए हैं. पहले चरण में जनता ने राज्य में बदलाव के लिए वोट किया है और भारतीय जनता पार्टी, एनडीए पहले चरण में दो तिहाई से ज्यादा सीटें जीत रही है.

इस विधानसभा चुनाव में एनडीए और अप्रत्याशित सफलता प्राप्त करने जा रही है. जनता इस सरकार से परेशान है और जिस तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठियों ने यहां रोटी-बेटी, माटी सब पर कब्जा किया है. इसीलिए आसन्न खतरे को लोग भांप रहे हैं. यह सरकार घुसपैठियों की संरक्षक है. बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देना, उन्हें बसाना, आधार कार्ड बनवाना, राशन कार्ड देना, वोटर लिस्ट में नाम डलवाने का काम राज्य सरकार कर रही है. कई जगह धोखा देकर बेटियों से शादी की जा रही है. घुसपैठिए जमीन खरीद रहे हैं, चुनाव लड़ रहे हैं, संस्थानों पर कब्जा कर रहे हैं.

इस खतरे को संथाल परगना की जनता अच्छी तरह से भांप चुकी है और लोग मन बना चुके हैं कि इस सरकार को हटाना है. बेटी-माटी की सुरक्षा और भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए लोग सरकार के परिवर्तन की तैयारी कर रहे हैं. आज तक कहीं नहीं देखा कि एक नेता के घर से 350 करोड रुपए बरामद हो रहे हैं और बेशर्मी से जांच एजेंसी पर आरोप भी लगा देते हैं. जल-जीवन मिशन, मनरेगा, राशन समेत कई चीजों का पैसा राज्य सरकार का गई है. पीएम जन-मन के मकान तक नहीं बन पा रहे हैं.

केंद्र ने भी झारखंड को जो पैसा भेजा, वह भ्रष्टाचार की बलि चढ़ गया. जनता को यहां कुछ मिला नहीं और विकास भी ठप्प पड़ा हुआ है. चारों ओर परिवर्तन की लहर है. सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए मंईयां सम्मान योजना के नाम पर ढोंग किया था. लेकिन वह ढोंग भी कहीं नहीं चला. जो मुख्यमंत्री अपनी भाभी का अपमान सहन कर ले. सीता सोरेन के बारे में इरफान अंसारी ने जैसी बातें कही. अगर हेमंत में जरा भी गैरत होती तो इरफान अंसारी को मंत्रिमंडल से बाहर कर देते. रुबिका पहाड़िया, अंकित बेटी जैसी आदिवासी बहनों के साथ जो हुआ वह किसी से छिपा हुआ नहीं है. इनके पास माता, बहन, बेटी का सम्मान है ही नहीं. इनका पाप का घड़ा अब भर चुका है, जो 23 तारीख को फूटेगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *