रांची : प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने इस बार खासकर जीतने वाले उम्मीदवारों पर दांव खेला है. इंटरनल सर्वे के तहत बीते लोकसभा चुनाव 2019 में जीतने वाले पांच सांसदों का टिकट काटकर वैसे चेहरों को मौका दिया जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आम लोगों के करीब रहे हैं. दुमका, लोहरदगा, चतरा, धनबाद और हजारीबाग ऐसी सीट हैं जहां एनडीए ने खुद आकलन कर उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. अहम बात है कि सिंहभूम में गीता कोड़ा के व्यापक जनाधार को देखते हुए भाजपा ने उम्मीदवार बनाकर सिंहभूम से टिकट दिया.
हाल ही में भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अध्यक्ष शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन को दुमका से अपना उम्मीदवार बनाया है. पूर्व में यहां से सुनील सोरेन को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन सीता सोरेन की पैठ को देखकर उम्मीदवार बदला गया है. इसी तरह चतरा लोकसभा सीट पर पिछली बार चुनावी मैदान में खड़े पूर्व उम्मीदवार सिटिंग सांसद सुनील कुमार सिंह का नाम काटकर चतरा से भाजपा ने कालीचरण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया. चर्चा है कि चतरा में सांसद सुनील कुमार सिंह के प्रति जनता के बीच नाराजगी थी, इसलिए इस बार टिकट नहीं मिला. लोहरदगा में सिटिंग सांसद सुदर्शन भगत का नाम भाजपा के इंटरनल सर्वे में कमजोर साबित हुआ. इसके बाद यहां भी सांसद सुदर्शन को बोलकर यहां समीर उरांव को उम्मीदवार बनाया गया है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र में भी सिटिंग सांसद पशुपतिनाथ सिंह का नाम काटकर विधायक ढुल्लू महतो पर भाजपा ने विश्वास जताया और टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया है.
झारखंड की सभी 14 सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों की जीत होगी
आमजनों के बीच उम्मीदवार के तौर पर सर्वे में पहली पसंद बने विधायक मनीष जायसवाल को हजारीबाग से उम्मीदवार घोषित किया है जबकि यहां जयंत सिन्हा का नाम इसबार कट गया है. भाजपा के सर्वे और टिकट कटने संबंधित सवाल पूछने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते भाजपा के कार्य करने का अलग तरीका होता है लेकिन यहां अनुशासन सर्वोपरि है. केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जो नाम तय किए जाते हैं उसपर सभी सहमत होते हैं, और उस उम्मीदवार को जिताने के लिए सभी लोग जुट जाते हैं. इस बार एनडीए 400 पार नारे को साकार करेगी. झारखंड की सभी 14 सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों की जीत होगी.