आईपीएल का खिताब जीतने पर बोले धोनी- शरीर ने साथ दिया, तो फिर लौटूंगा

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चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का खिताब पांचवीं बार जीतने के बाद मंगलवार को कहा कि अगर उनका शरीर साथ देगा, तो वह अगले साल एक बार फिर यह टूर्नामेंट खेलने के लिये लौट सकते हैं.

संन्यास की घोषणा करने का यह सबसे अच्छा समय

धोनी ने मंगलवार तड़के अहमदाबाद में गुजरात टाइटंस पर अपनी टीम की पांच विकेट की शानदार जीत के बाद कहा, “संन्यास की घोषणा करने का यह सबसे अच्छा समय है. लेकिन जितना प्यार मुझे हर तरफ से मिला है… यहां से चले जाना आसान होगा, लेकिन मुश्किल काम नौ महीने तक कड़ी मेहनत करना और एक और आईपीएल खेलने की कोशिश करना होगा.”

गुजरात ने चेन्नई के सामने 215 रन का लक्ष्य रखा था

गुजरात ने साई सुदर्शन (47 गेंद, 96 रन) के तूफानी अर्द्धशतक के दम पर चेन्नई के सामने 215 रन का लक्ष्य रखा था, जिसे बारिश के कारण घटाकर 15 ओवर में 171 रन कर दिया गया. चेन्नई को अंततः आखिरी दो गेंदों पर 10 रन की दरकार थी. पूरे सीजन बल्ले से निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले रवींद्र जडेजा ने इन दो गेंदों पर एक छक्का और एक चौका जड़कर चेन्नई को जीत दिला दी.

धोनी ने कहा- यह मेरी ओर से प्रशंसकों के लिये एक उपहार

धोनी ने कहा, “यह मेरी ओर से (प्रशंसकों के लिये) एक उपहार होगा, लेकिन मेरे शरीर के लिये आसान नहीं होगा. आप भावुक हो जाते हैं, सीएसके में पहले मैच में हर कोई मेरा नाम जप रहा था. मेरी आँखों में पानी भर गया था, मुझे डगआउट में कुछ समय के लिए छुट्टी चाहिए थी.

इसका लुत्फ उठाने की जरूरत है

मुझे एहसास हुआ कि मुझे इसका लुत्फ उठाने की जरूरत है. मुझे लगता है कि मैं जो हूं उसके लिये वे (दर्शक) मुझसे इतना प्यार करते हैं, वे प्यार करते हैं कि मैं जमीन से जुड़ा हुआ हूं, मैं ऐसा कुछ दिखाने की कोशिश नहीं करता जो मैं नहीं हूं.”

खिताब जीतने के मामले में मुंबई इंडियन्स की बराबरी

धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स ने सबसे ज्यादा आईपीएल खिताब जीतने के मामले में रोहित शर्मा की मुंबई इंडियन्स की बराबरी कर ली है. इन दोनों के अलावा सिर्फ कोलकाता नाइट राइडर्स (दो) ने ही एक से अधिक बार ट्रॉफी जीती है.

यह मेरे करियर का आखिरी हिस्सा

धोनी ने कहा, “यह मेरे करियर का आखिरी हिस्सा है. यह टूर्नामेंट यहां अहमदाबाद में से शुरू हुआ और पूरा स्टेडियम मेरा नाम ले रहा था. चेन्नई में भी ऐसा ही था, लेकिन वापस आना और अपनी क्षमता के अनुसार खेलना अच्छा होगा.

मेरा खेलने का तरीका पारंपरिक नहीं है

मैं जिस तरह का क्रिकेट खेलता हूं, उन्हें लगता है कि वे वैसा क्रिकेट खेल सकते हैं. मेरा खेलने का तरीका पारंपरिक नहीं है और मैं इसे सरल रखना पसंद करता हूं. मुझे लगता है कि आप जो भी ट्रॉफी या द्विपक्षीय सीरीज जीतते हैं, उसकी अपनी चुनौतियां होती हैं.”

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