मॉनसून सत्र : वित्त मंत्री ने अनुपूरक बजट पर रखी बात, कहा- राज्य का वित्तीय प्रबंधन है काफी मजबूत
सरकार के पास धन की कोई कमी नहीं: वित्त मंत्री
4296.62 करोड़ का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित
वित्तीय प्रबंधन सुदृढ़, साढ़े चार महीने में 26.50% योजना राशि खर्च
रांची: राज्य विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने विपक्षी भाजपा के वॉकआउट के बीच 4296.62 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट पर जवाब देते हुए कहा कि हेमंत सरकार का वित्तीय प्रबंधन मजबूत और संतुलित है। यह बजट गांवों में रहने वाले लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने और आधारभूत ढांचा सुदृढ़ करने के उद्देश्य से लाया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्य बजट 1.45 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें से 38,000 करोड़ रुपये केवल योजनागत खर्च के लिए निर्धारित हैं।
चार माह में 26.50% योजनागत खर्च
वित्त मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष के साढ़े चार महीने में 23,799 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, जो योजनागत बजट का 26.50% है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 22.5% अधिक है।
इसी अवधि में राज्य का राजस्व संग्रहण 33,707 करोड़ रुपये रहा, जो कुल लक्ष्यों का 27% है। 202425 में इसी अवधि तक 23% खर्च हुआ था।
बाजार से कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ी
मंत्री ने बताया कि सरकार की वित्तीय स्थिति इतनी मजबूत है कि अब तक बाजार से कोई ऋण नहीं लिया गया है। अगर जरूरत हो, तो 18,000 करोड़ रुपये तक का ऋण लिया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “राज्य का टैक्स मैनेजमेंट सफल है, खर्च पर नियंत्रण है, और लेखांकन तथा रिपोर्टिंग सुदृढ़ हैं।”
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अफसोस की बात है कि केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के तहत केवल 17% अनुदान मिला है।
कृषि और जल संसाधन सरकार की प्राथमिकता
सरकार ने कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए बताया कि:
2001 से 201819 तक कृषि बजट था 15,887 करोड़
201920 से 202526 के बीच यह बढ़कर 26,464 करोड़ हो गया है
जल संसाधन के क्षेत्र में:
200102 से 201819 तक खर्च: 30,173 करोड़
पिछले 6 वर्षों में खर्च: 11,069 करोड़ रुपये (सिर्फ सिंचाई प्रबंधन पर)
अनुपूरक बजट की आवश्यकता और प्रावधान
मंत्री ने कहा कि अनुपूरक बजट के जरिए विभिन्न विभागों की तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए राशि का प्रावधान किया गया है:
भारत सरकार से मिलने वाली राशि: 1,476 करोड़ रुपये
सरेंडर राशि: 1,642 करोड़ रुपये
राजकोषीय अधिभार: 1,177 करोड़ रुपये, जिसमें
832 करोड़ पेंशन फंड की सरेंडर राशि
वास्तविक वित्तीय भार: 345 करोड़ रुपये
PL एकाउंट से 4000 करोड़ राजकोष में जमा
मंत्री ने कहा कि वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के तहत PL एकाउंट में जमा राशि को राजकोष में वापस लिया जा रहा है।
201011 के दौरान PL एकाउंट में 22,000 करोड़ रुपये थे। अब तक 4000 करोड़ रुपये राजकोष में जमा कराए जा चुके हैं।
पांच साल में डेढ़ लाख युवाओं को रोजगार
श्रम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 8 लाख युवा बेरोजगार हैं।
पिछले 5 वर्षों में 1.5 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
अतिवृष्टि से फसल क्षति
मंत्री ने कहा कि वर्तमान में राज्य की सबसे बड़ी चुनौती अतिवृष्टि है। इससे लगभग 2 लाख एकड़ में फसलें बर्बाद हुई हैं। सरकार इस दिशा में राहत कार्यों पर ध्यान दे रही है।
