पश्चिमी सिंहभूम : राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखने के मामले में चक्रधरपुर विधायक विधायक सुखराम उरांव ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने और इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
पत्र में लिखे गये शब्द ना तो मेरे हैं और ना ही लेटर पेड और हस्ताक्षर ही मेरे हैं
पत्र में विधायक ने लिखा है कि राज्य के मुख्य सचिव को पत्र उनके द्वारा नहीं लिखा गया है और उन्होंने ऐसी कोई भी मांग किसी ने नहीं की है. पत्र में लिखे गये शब्द ना तो मेरे हैं और ना ही लेटर पेड और हस्ताक्षर ही मेरे हैं. ऐसे किसी भी आधिकारिक पत्र में हमेशा उनके कार्यालय की ओर से अधिकृत पत्रांक संख्या और निर्गत किये जाने की तिथि आवश्यक रूप से अंकित होती है. ऐसे में इस फर्जी पत्र के जरिए उनके पद एवं प्रतिष्ठा को गलत तौर पर वरीय पदाधिकारियों के समक्ष दर्शाने का कुंठित दुस्साहस किया गया है.
विधायक ने पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव और उपायुक्त को भी दी
उन्होंने लिखा है कि विधायक के साथ वह पश्चिमी सिंहभूम झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष भी हैं. ऐसे में आए दिन संगठन के व्यापक हित में जिला भ्रमण करते हैं तो इस फर्जी पत्र के जरिए साजिशन मेरे पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग कर मेरे व्यक्तिगत, राजनीतिक और सामाजिक छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है. ऐसे में सभी बिन्दुओं पर गंभीरता से विचार करते हुए फर्जी पत्र लिख कर साजिश रचने वालों की पहचान की जाए विशेषकर मुख्य सचिव के गोपनीय कोषांग में पत्र प्राप्त कराने की तिथि के सीसीटीवी से करते हुए जांच आवश्यक कड़ी कार्रवाई हो. उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि मुख्य सचिव और उपायुक्त को भी दी है.