रांची : आज प्रातः अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद झारखण्ड प्रदेश कोर कमिटि की आभासी बैठक परिषद के अध्यक्ष अमरनाथ झा की अध्यक्षता में हुई. बैठक में अष्टम अनुसूची एवं राज्य के द्वितीय राजभाषा की सूची में शामिल मैथिली भाषा को राज्य के अन्य भाषा की तरह नियोजन नीति में स्थान न मिलने पर विचार किया गया.
हस्ताक्षरयुक्त प्रपत्र के साथ राज्यपाल से मिलेंगे
निर्णय लिया गया कि विगत बर्षों से राज्य भर से जमा हस्ताक्षरयुक्त प्रपत्र के साथ एक प्रतिनिधिमंडल महामहिम राज्यपाल से मिलकर अपनी बात कही जाय. आज परिषद के महासचिव ने एक आग्रह पत्र महामहिम के प्रधान सचिव को दिया, जिसमें प्रतिनिधिमंडल को मिलने हेतु समय की मांग की गयी है.
नियोजन नीति में स्थान नहीं मिले से आक्रोश
2018 में राज्य सरकार ने 18 भाषाओं को राज्य के द्वितीय राज्य भाषा की दर्जा दी, परन्तु नियोजन नीति 2023 में क्षेत्रीय भाषा के रूप में अति प्राचीन भाषा मैथिली को स्थान नहीं मिलने से यहां बसे लाखो परिवार आक्रोशित हैं.
आंदोलन की रूप रेखा बनायी जायेगी
बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि अपनी मांगों की पूर्ति हेतु एक क्रमबद्ध आंदोलन की रूप रेखा बनायी जायेगी. इस आभासी बैठक में परिषद के संस्थापक डॉ धनाकर ठाकुर, संरक्षक पूर्व मंत्री श्री राजपलिवार, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश मिश्र, प्रदेश महासचिव अजय झा, प्रदेश सचिव पंकज झा एवं कोषाध्यक्ष विलट पोद्दार शामिल थे. यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय मैथिली परिषद, झारखंड प्रदेश के महासचिव अजय झा ने दी.