दिल्ली के पूर्व उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की नियमित जमानत याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाला से जुड़े ईडी के मामले में खारिज कर दी है. हाईकोर्ट ने मामले में दो जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने आदेश दिया.
सिसोदिया ने दोबारा अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी
मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी की खराब सेहत का हवाला देते हुए दोबारा अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. अंतरिम जमानत भी हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी. इससे पहले 28 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को सिसोदिया ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
ईडी ने कहा था- सिसोदिया को आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी. वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे. ईडी ने कहा था कि मनीष सिसोदिया के पास 18 विभाग थे. उस समय वह लोगों से मुलाकात करते थे. कुछ लोग उनकी पत्नी की देखभाल करते थे, ऐसे में जमानत के लिए मनीष सिसोदिया पत्नी की सेहत का हवाला नहीं दे सकते हैं.
सिसोदिया के वकील ने कहा था- पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित
सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला ही नहीं बनता. सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है. उन्होंने कहा था कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत किसी भी तरह का अपराध सिसोदिया ने नहीं किया. कोर्ट को यह देखना होगा कि क्या धारा 3 के तहत कोई उल्लंघन किया गया है.
ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था. सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.