महाशिवरात्रि पर महाकुंभ महारिकार्ड के साथ हुआ संपन्न, 66.09 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी

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प्रयागराज : महाशिवरात्रि पर महाकुंभ महारिकार्ड के साथ हुआ संपन्न, 66.09 करोड़ श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी. महाशिवरात्रि पर बुधवार को महाकुंभ सनातनी परंपरा की धर्म ध्वजा को पूरी दुनिया में 45 दिनों तक विस्तार देते हुए महारिकार्ड बनाते हुए संपन्न हो गया.

इस दौरान कुल 66.09 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम त्रिवेणी वाली जलधारा में पावन डुबकी लगाई. इसी के साथ 45 दिन तक चलने वाले महाकुंभ 2025 का महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर बुधवार को समापन हो गया.

45 दिनी यह आयोजन 66 करोड़ से अधिक सनातनियों के समागम का साक्षी बना. हालांकि, मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के अविरल तट पर आस्था जन प्रवाह अब भी बना हुआ है.

आखिरी दिन बुधवार को महाकुंभ में संगम त्रिवेणी में सायं 4 बजे तक 1.32 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा ली. यह संख्या इससे पहले बुधवार को अपराह्न 2 बजे तक 1.18 करोड़ तक पहुंच चुकी थी.

संगम किनारे महाकुंभ मेला समेटना हुआ शुरू

महाकुंभ 2025 के दौरान परमब्रह्म ब्रह्माजी की इस यज्ञ भूमि पर संतों के शिविरों में कई संकल्प पारित हुए तो केंद्र एवं कई राजयों की सरकारों ने देश एवं तथा प्रदेश के विकास का खाका प्रस्तुत किया. संगम त्रिवेणी तट पर हिलोर मारती आस्था के बीच सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक हर पहलू पर नई लकीरें भी खींची गई.

अब कुंभ 2031 में इससे भी बड़ी लकीर खींची जा सके, इन्हीं संकल्पों एवं संभवनाओं के साथ संंत विदा हो चुके हैं तो यूपी की Yogi सरकार एवं महाकुंभ मेला प्रशासन ने भी मेला समेटना शुरू कर दिया है. बीते दिनों में पूरी दुनिया मानों यहां सिमटी दिखाई दी और सनातन धर्म के वैभव का हिस्सा बनने के साथ आध्यात्मिक चेतना का आत्मसात किया.

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री समेत अधिकांश केंद्रीय मंत्री, मुख्य चुनाव आयुक्त, शीर्ष नौकरशाहों के अलावा उद्योगपति गौतम अडानी, मुकेश अंबानी, एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी पावेल जॉब्स,अक्षय कुमार समेत कई बड़े फिल्म स्टार समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा 76 देश के प्रतिनिधि महाकुंभ की भव्यता को देखा तो देश और कई प्रदेशों की सरकारें भी तीर्थों के राजा के आगे नतमस्तक हुई.

कई देशों की आबादी से ज्यादा महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालु

दावा किया जा रहा है कि कुंभ ही नहीं, दुनिया के किसी भी आयोजन में आज तक एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोग नहीं जुटे हैं, जितने 45 दिनों के अंदर प्रयागराज में बनाए गए एक अस्थायी शहर में जुट गए. यह संख्या कई देशों की आबादी से भी कई गुना अधिक है.

65 करोड़ श्रद्धालुओं के किसी एक स्थान पर जुटने का इतिहास में और कोई उदाहरण नहीं दिखाई देता. सनातन के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था, दृढ़ निश्चय और विश्वास का ही यह फल है कि संगम तट पर इतना विशाल जनसमूह 45 दिनों में एकत्र हो गया.

यदि इस संख्या की दुनिया भर के देशों की आबादी से तुलना की जाए तो कई देशों की आबादी इसमें समा जाएगी. उदाहरण के तौर पर अमेरिका की दोगुनी से ज्यादा, पाकिस्तान की ढाई गुना से अधिक और रूस की चार गुनी से ज्यादा आबादी के बराबर श्रद्धालु यहां अब तक आ चुके हैं.

यही नहीं, जापान की 5 गुनी आबादी, यूके की 10 गुनी से ज्यादा आबादी और फ्रांस की 15 गुनी से ज्यादा आबादी ने यहां आकर त्रिवेणी संगम में पावन डुबकी लगा ली है. तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित इस महाकुम्भ में संख्या के लिहाज से भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं.

यदि देश की कुल जनसंख्या से स्नानार्थियों की तुलना की जाए तो इसके अनुसार भी लगभग 50 प्रतिशत भारत ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा ली है. वहीं अगर सनातन धर्मावलंबियों की बात करें तो देश के 60 प्रतिशत से ज्यादा और दुनिया के करीब 55 प्रतिशत सनातनी श्रद्धालुओं ने पावन स्नान कर लिया है.

45 दिनों चले महाकुंभ 2025 में देश और दुनियाभर से पहुंचे श्रद्धालु

भारत की इस प्राचीन परंपरा ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया है. 45 दिन तक चले इस आयोजन में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए दुनिया भर से श्रद्धालु जुटे हैं. 73 देशों के राजनयिकों के साथ भूटान नरेश नामग्याल वांगचुक समेत तमाम देशों के अतिथि यहां अमृत स्नान करने पहुंचे.

यही नहीं, मां जानकी के मायके नेपाल के 50 लाख से अधिक लोग अब तक त्रिवेणी के पवित्र जल में स्नान कर महाकुम्भ के साक्षी बन चुके हैं. इसके अलावा इटली, फ्रांस, यूके, पुर्तगाल, अमेरिका, इजराइल, ईरान, मॉरीसस समेत दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं. इसकी पुष्टि महाकुंभ मेला प्रबंधन और यूपी सरकार ने की है.

फिर अगले 2 घंटे में यानि भोर 4 बजे तक यह संख्या 25.64 लाख के पार पहुंच गई. इसी के साथ पौष पूर्णिमा से शुरू हुए महाकुंभ 2025 में महाशिवरात्रि का पुण्यकाल शुरू होने पूर्व सुबह 4 बजे तक पावन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 65 करोड़ के पार पहुंच गई.

महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर पहले से ही मेला क्षेत्र और प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया था. मेला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी जारी कर मेला क्षेत्र के सबसे नजदीकी घाट पर ही स्नान कर स्नान करने का आग्रह किया गया जिसे श्रद्धालुओं ने सहर्ष मानते ही अंगीकार किया.

इसके चलते आखिरी श्रद्धालुओं के स्नान एवं मेला समेटे जाने के काम में कहीं कोई खलल पड़ने जैसी स्थिति नहीं पनप पाई. महाशिवरात्रि पर अमृत स्नान के साथ ही बुधवार को होने वाले महाकुंभ 2025 के समापन के मद्देनजर CM Yogi आदित्यनाथ महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर भी सुबह से ही एक्टिव नजर आए.

बीते सभी अमृत स्नान और स्नान पर्व की तरह CM Yogi सुबह तड़के चार बजे से ही व्यवस्थाओं को देखने के लिए कंट्रोल रूम पहुंच गए. गोरखपुर प्रवास के चलते CM Yogi के लिए गोरखनाथ मंदिर में ही कंट्रोल रूम स्थापित किया गया. वहां वह स्नान पर्व पर पल-पल की मॉनीटरिंग करते नजर आए.

CM Yogi ने महाशिवरात्रि स्नान पर्व के इस महत्वपूर्ण आयोजन की सुरक्षा और व्यवस्था के संदर्भ में पूरी स्थिति का जायजा लिया. टीवी पर CM Yogi ने श्रद्धालुओं के स्नान की एक-एक फीड को लाइव देखा.

गोरखपुर के कंट्रोल रूम से ही CM Yogi ने आला अधिकारियों को निर्देशित किया. CM Yogi ने प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई भी परेशानी न हो.

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