कुणाल षड़ंगी ने भाजपा छोड़ी : पार्टी की उदासीनता को बताया वजह, बाबूलाल मरांडी को भेजी चिट्‌ठी

यूटिलिटी राँची

रांची : बहरागोड़ा से पूर्व विधायक कुणाल षाडंगी ने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को भेज दिया है. उन्होंने लिखा है कि पत्र के माध्यम से मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं. यह निर्णय मैंने गहन चिंतन और आत्ममंथन के उपरांत लिया है. कुणाल षाडंगी ने इस्तीफे की कॉपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह को भी भेजी है.

कुणाल ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि पिछले कई महीनों से मैं यह महसूस कर रहा हूं कि कई बार पूर्वी सिंहभूम जिले की बुनियादी समस्याओं से जुड़े विषयों और संगठनात्मक विषयों को आपके और अन्य वरीय पदाधिकारियों के संज्ञान में लाने के बावजूद पार्टी जिले की महत्वपूर्ण मुद्दों के प्रति बिल्कुल उदासीन है. जब मैंने प्रदेश के प्रवक्ता के पद से त्यागपत्र दिया था तो मुझे उम्मीद थी कि मेरे द्वारा रखे गए विषयों पर पार्टी संज्ञान लेगी लेकिन दुखद है कि स्थिति आज भी जस की तस है.

षाडंगी ने कहा है कि जिले की कई बुनियादी सुविधाओं और विशेष तौर पर युवाओं के मुद्दों पर यहां से चुने हुए जनप्रतिनिधि हमेशा से मौन रहे हैं और संगठन के आंतरिक अनुशासन के प्रति भी कोई गंभीरता दिखाई नहीं देती है. इन परिस्थितियों में प्रदेश नेतृत्व के द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जाना दुर्भाग्यजनक है और मैं ऐसी कार्यप्रणाली से सहमत नहीं हूं और राजनीति में आने के मेरे मुख्य उद्देश्य के प्रति न्याय करने में असमर्थ हूं.

पूर्वी सिंहभूम जिले की जनता के हित में यह आवश्यक है कि उनकी आवाज को जोरदार तरीके से बुलंद किया जाए ताकि उनके समस्याओं का उचित समाधान हो सके जो कि वर्तमान की परिस्थिति में भाजपा में रह कर मुझे संभव प्रतीत नहीं होता है.

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