रांची : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने उलगुलान न्याय महारैली को परिवार तंत्र को मजबूत करने का जरिया बताया. उन्होंने कहा कि पूरी रैली के दौरान कल्पना सोरेन को केंद्र में रखकर अगले नेता के रूप में प्रोजेक्ट करने की कोशिश की गई. कल्पना सोरेन बिल्कुल केंद्र में बैठी रही जबकि मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को मंच पर उनके पद के हिसाब से उचित स्थान नहीं मिला. यह एक आदिवासी मुख्यमंत्री के अपमान के समान है.
प्रतुल भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि संविधान बचाने की बात करने वाले इंडी गठबंधन के लोगों को बताना चाहिए कि 1975 में आपातकाल क्यों लगाया और 1976 में 42वें संशोधन के जरिए संविधान के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करने की कोशिश क्यों की गई?
प्रतुल ने कहा कि लोकतंत्र बचाने की बात कहने वाले लोगों की रैली में सहयोगी दल के सैकड़ों समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ. दर्जनों के सिर फट गए. कईयों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. अब निराश-हताश झामुमो और कांग्रेस बीजेपी पर हंगामा का आरोप लगा रहीं है जबकि वीडियो फुटेज से स्पष्ट है कि कांग्रेस और राजद के नेता, कार्यकर्ता एक-दूसरे को पीट रहे थे.
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि प्रभात तारा मैदान में रैली के एक दिन पूर्व बसंत सोरेन निरीक्षण करते नजर आए लेकिन रैली के दिन गायब रहे. मीडिया में यह खबरें फैलीं कि इस रैली से सिर्फ कल्पना सोरेन को प्रोजेक्ट करना था. सोरेन परिवार के किसी दूसरे सदस्य को नहीं बोलने देना था. संभवत इसी कारण से वह नहीं आए और झामुमो इस मुद्दे पर झूठ बोलती नजर आई. प्रतुल ने कहा कि जो कुछ भी रैली में हुआ वह परिवारवादी इंडी गठबंधन की सच्चाई को दर्शाता है.