मध्य प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले नेता लोगों के बीच पहुंच रहे हैं. इस क्रम में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का नया रूप देखने को मिला है. ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को गुना पहुंचे. यहां उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इस दौरान एक कार्यक्रम में आदिवासी लोकनृत्य करते हुए उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
बताया जा रहा है कि आदिवासियों के लोकनृत्य को देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद को रोक नहीं सके. वो भी मंच से नीचे उतरे और आदिवासियों के साथ लोकनृत्य करने लगे. आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपने गढ़ ग्वालियर-चंबल में खासे एक्टिव नजर आ रहे हैं. केन्द्रीय मंत्री आये दिन गुना-ग्वालियर क्षेत्र का दौरा करते दिख जाते हैं. केन्द्रीय मंत्री सिंधिया इस दौरान आम लोगों से मिल रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. वे लोगों की समस्या का निराकरण करने का भी प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार को गुना के बामौरी विधानसभा क्षेत्र के सिमरोद गांव पहुंचे थे.
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के सीधी में आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने की घटना की पूरे देश में चर्चा हुई. इसे कांग्रेस ने पूरे देश का अपमान बताया है. कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि केवल पीड़ित का पैर धोना पर्याप्त नहीं होगा. यह पूरे आदिवासी समुदाय का अपमान है और केवल पैर धोने से कुछ होन वाला नहीं है. भाजपा की नीतियां आदिवासी विरोधी है. प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बार गद्दारों को मौका नहीं मिलेगा और पार्टी भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ रही है.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का स्पष्ट रूप से जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग के लोगों को लगता है कि उनका जनादेश करोड़ों रुपये में बेच दिया गया और वे उन्हें करारा सबक सिखाने का इंतजार कर रहे हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मार्च 2020 में गिर गयी थी जब सिंधिया और उनके वफादार कई विधायक कांग्रेस छोड़ कर चले गए तथा बाद में भाजपा में शामिल हो गए । इसके बाद मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ.