Joshimath Landslide : जोशीमठ भू-धसाव के बाद प्रभावित परिवारों को पूरी तरह से घरों को खाली कराने की प्रकिया को तेज कर द गई है. अब तक कुल 723 घरों में दरारें आई हैं. इनमें 86 मकान असुरक्षित क्षेत्र में हैं. प्रशासन की ओर से 131 परिवारों के 462 सदस्यों को विस्थापित किया गया है. प्रभावित परिवारों को 15 लाख से अधिक धनराशि वितरित की गयी है.
चार वार्डों में कुल 86 भवन असुरक्षित
जनपद आपदा प्रबंधन चमोली की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार तक नौ वार्डों में कुल 723 मकानों में दरारें आई हैं. चार वार्डों में कुल 86 भवन असुरक्षित हैं. मंगलवार को 37 परिवार और इससे पहले 94 परिवारों को विस्थापित किया गया है. अब तक कुल 131 परिवारों के 462 सदस्यों को विस्थापित किया जा चुका है.
Joshimath Landslide : 51 भवनों को राहत शिविर के लिए चिन्हित किया गया
जोशीमठ में 51 भवनों को राहत शिविर के लिए चिन्हित किया गया है, जिसमें 1425 लोगों की रहने की क्षमता है. जोशीमठ से बाहर पीपलकोटी में 20 भवनों को राहत शिविर के लिए चिन्हित किया गया है. जिनकी क्षमता 2205 लोगों की रहने की है. अब तक 63 लोगों लोगों को पांच हजार की दर से और भवन क्षतिग्रस्त भवन 1.30 लाख की दर से 15.65 लाख रुपये वितरित की गई है.
प्रतिदिन पूरे क्षेत्र में टीम भेज कर निरीक्षण कराएँ : मुख्य सचिव
जोशीमठ भू-धसाव के संबंध में मंगलवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधू ने बैठक ली. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों को साथ लेकर एक असेसमेंट कमेटी बनाई जाए. प्रतिदिन पूरे क्षेत्र में टीम भेज कर निरीक्षण करवाया जाए कि पिछले 24 घंटे में क्षेत्र में किस प्रकार का और कितना परिवर्तन हुआ हुआ है, जो भवन अधिक प्रभावित हैं उन्हें प्राथमिकता पर ध्वस्त किया जाए.
Joshimath Landslide : जिलाधिकारी चमोली से लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली से क्षेत्र की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते हुए स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. भूस्खलन से किसी प्रकार का जानमाल का नुकसान न हो इसके लिए सबसे पहले परिवारों को शिफ्ट करने के साथ खतरनाक भवन को प्राथमिकता के आधार पर ध्वस्त किए जाए. प्रभावित नागरिकों व शासन प्रशासन के मध्य किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप न हो. उच्चाधिकारी भी लगातार प्रभावित परिवारों के संपर्क रहें,और परिस्थितियों पर नजर बनाए रखें.
मोबाइल नेटवर्क के लिए नए टावर लगाएं
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भू-धंसाव के कारण मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हो सकता है. मोबाइल टावर अन्यत्र सुरक्षित स्थान में शिफ्ट कर नए टावर लगा कर संचार व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए.
Joshimath Landslide : ड्रेनेज और सीवेज प्लान पर काम करें
मुख्य सचिव ने कहा कि जोशीमठ के स्थिर क्षेत्र के लिए ड्रेनेज और सीवेज प्लान पर भी काम शुरू किया जाए. भवनों को ध्वस्त करने में विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाए ताकि ध्वस्तीकरण में कोई अन्य हानि न हो. साथ ही, कंट्रोल रूम को 24 घंटे एक्टिव मोड पर रखा जाए और आमजन को किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए प्रचार प्रसार किया जाए.
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोशीमठ से सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, अरविंद सिंह ह्यांकी, डॉ.रंजीत सिन्हा व बृजेश कुमार संत सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार व जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे.