JMM MLA Lobin

JMM विधायक लोबिन ने सीएम और महाधिवक्ता पर साधा निशाना, झारखंड विरोधी को कैसे दे दी जिम्मेवारी

राँची

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायक और झारखंड बचाओ मोर्चा के मुख्य संयोजक लोबिन हेंब्रम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महाधिवक्ता राजीव रंजन पर निशाना साधा है. हेंब्रम मंगलवार को विधानसभा के विधायक आवास में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे.

बाबूलाल मरांडी की सरकार में भी हाई कोर्ट गए थे राजीव रंजन

JMM विधायक लोबिन ने कहा कि जब बाबूलाल मरांडी की सरकार थी तो बिहार पुनर्गठन अधिनियम के तहत बिहार की स्थानीय नीति को मरांडी ने लागू किया था. उसके खिलाफ राजीव रंजन हाई कोर्ट गए थे और झारखंड को स्थानीय नीति नहीं मिल पायी थी. ऐसे में झारखंड विरोधी मानसिकता वाले व्यक्ति को आखिरकार सरकार ने किस आधार पर इतनी बड़ी जिम्मेवारी सौंप दी.

झारखंड विरोधी महाधिवक्ता को अविलंब हटाएं

JMM विधायक लोबिन ने कहा कि झारखंड को लेकर जो भी नीति नियम बन रहे हैं, उसे ना तो राजीव रंजन हाई कोर्ट में और ना ही राजभवन के पास सरकार का पक्ष मजबूती से रख पा रहे हैं. इसलिए सरकार इस झारखंड विरोधी महाधिवक्ता राजीव रंजन को अविलंब हटाएं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किस हैसियत से झारखंडी जोहार यात्रा और खतियान यात्रा कर रहे हैं जबकि सरकार की ओर से जो भी नीति बनायी जा रही है उसे राजभवन और कोर्ट खारिज कर दे रहा है.

जोहार यात्रा और खतियानी यात्रा का मतलब क्या

JMM विधायक लोबिन ने पूछा कि इस तरह की यात्रा का मतलब क्या है. उन्होंने कहा कि अब तक हाई कोर्ट से नियोजन नीति रिजेक्ट हो चुका है और राज्यपाल ने स्थानीय नीति को लौटा दिया है, तो मुख्यमंत्री का नैतिक दायित्व अब नहीं है वह इस तरह की यात्रा करें. उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहते हैं कि पारसनाथ आदिवासियों का था और आदिवासियों का रहेगा, लेकिन केंद्र सरकार को जो पत्र लिखा जाता है, उसमें आदिवासी शब्द का जिक्र नहीं होता है और इसे जैन मुनियों का तीर्थ स्थल बताया जाता है.

मुख्यमंत्री आदिवासी समाज को बेवकूफ बना रहे

JMM विधायक लोबिन ने कहा कि मुख्यमंत्री आदिवासी समाज को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं. इसलिए 21 और 22 फरवरी को पारसनाथ में आदिवासियों का जुटान होगा. उन्होंने कई कार्यक्रमों की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि चार मार्च को हजारीबाग में प्रमंडलीय सम्मेलन, 18 मार्च को रांची में आदिवासी जमीन बचाने को लेकर बड़ी रैली, 21 और 22 फरवरी को पारसनाथ में पूरे देश के आदिवासियों का जुटान, 13- 14 मार्च को विधानसभा के समक्ष धरना और 15 मार्च को विधानसभा घेराव होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *