झारखंड का ऋण-जमा अनुपात 51.32% पहुंचा, वित्त मंत्री ने बताई आर्थिक प्रगति का संकेत
रांची, 12 अगस्त । राज्य स्तरीय बैंकर समिति (एसएलबीसी) की 92वीं बैठक मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन, धुर्वा में आयोजित हुई। बैठक में बैंकों और राज्य सरकार के बीच बेहतर समन्वय और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर सहमति बनी।
मुख्य अतिथि वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड का ऋण–जमा अनुपात जून 2025 की तिमाही में 51.32 प्रतिशत हो गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.54 प्रतिशत अधिक है। इसे उन्होंने राज्य की आर्थिक प्रगति का सकारात्मक संकेत बताया।
उन्होंने वार्षिक ऋण योजना में मिली उपलब्धियों की सराहना की और वर्ष 2025-26 में भी लक्ष्यों की तेज़ी से प्राप्ति पर जोर दिया। साथ ही, बैंकों से केंद्र और राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं के तहत वित्तपोषण बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि कमजोर और वंचित वर्गों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच आसान हो सके।
‘गुरुजी क्रेडिट कार्ड योजना’ को और प्रभावी बनाने के निर्देश देते हुए वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में हर संभव सहयोग करेगी। बैठक में सीएसआर फंड के सही उपयोग पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि यह फंड केवल महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, ग्रामीण विकास, जल संग्रहण, आपदा राहत और कला-संरक्षण जैसे क्षेत्रों में ही उपयोग होना चाहिए।
बैठक में बैंक ऑफ इंडिया के कार्यपालक निदेशक एवं एसएलबीसी, झारखंड के अध्यक्ष पी.आर. राजगोपाल ने राज्य में बैंकिंग सेवाओं के विस्तार और ऋण वितरण की प्रगति पर प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, विशेष सचिव वित्त संदीप सिंह, जेएसएलपीएस के सीईओ अनन्या मित्तल, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक गौतम कुमार सिंह समेत सभी 24 जिलों के अग्रणी जिला प्रबंधक उपस्थित रहे।
