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विधानसभा में बोलीं मंत्री जोबा मांझी- रैयतों को जमीन वापस दिलाने के लिए रिपोर्ट तैयार होगी

राँची

रांची : विधानसभा में शुक्रवार को मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि सीएनटी एक्ट के तहत रैयतों को उनकी जमीन वापस दिलाने के कार्य में तेजी के लिए राज्य सरकार एक रिपोर्ट तैयार कराएगी. उन्होंने कहा कि अबतक 901 मामलों का निष्पादन किया गया है. हालांकि, तीन हजार 326 आवेदन अभी भी लंबित हैं. दखल दिहानी के तहत सरकार को आवेदन प्राप्त हुए हैं. सरकार की कोशिश है कि इन मामलों को जल्द से जल्द निष्पादित किया जाय.

विधायक शिल्पी नेहा सरकार के जवाब से रहीं असंतुष्ट

विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने सरकार से पूछा था कि दखल दिहानी के तहत कितने आवेदन सरकार को प्राप्त हुए हैं और प्राप्त आवेदनों पर कार्रवाई करते हुए कितनों को दखल दिहानी का आदेश दिया है. सरकार की ओर से मिले जवाब से असंतुष्ट शिल्पी ने कहा कि सिर्फ रांची में दस हजार से ज्यादा मामले हैं. सरकार की ओर से जो जवाब मुझे दिया गया है, वहीं जवाब एक और विधायक के सवाल पर पहले भी दिया गया था. जो यह दिखाता है कि सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है.

स्पीकर ने मामले में अपडेट रिपोर्ट देने को कहा

स्पीकर रबिन्द्रनाथ महतो ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मंत्री जोबा मांझी से कहा कि अगर एक ही जवाब दुहराया जा रहा है, तो इसे देखा जाना चाहिए. अबतक जो भी इस मामले में अपडेट है, उसकी एक रिपोर्ट तैयार कर के दिया जाना चाहिए, जिसके बाद मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि आपके आदेश का पालन करेंगे.

जामताड़ा में पुलिस कार्यकर्ता की तरह कर रही काम : इरफान अंसारी

कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि जामताड़ा में पुलिस के लोग आरएसएस और भाजपा के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं. पुलिस और अल्पसंख्यकों में झड़प हुआ था. पुलिस ने 80 लोगों पर झूठा एफआईआर कर दिया है. पुलिस की इस हरकत से बड़ी आबादी परेशान है. इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा.

तमिलनाडु में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों का मामला उठाया

विधायक लंबोदर महतो ने तमिलनाडु में फंसे झारखंड के प्रवासी मजदूरों का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि वहां हिंदी भाषियों की हत्या हो रही है. कई लोगों की हत्या हो चुकी है. झारखंड के भी कई लोग वहां फंसे हुए हैं. अमित यादव ने कहा कि वहां के मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को स्टेट खाली करने का आदेश जारी कर दिया है. ऐसे में झारखंड सरकार को इसपर पहल कर वहां के सरकार से बात करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि उन्हें समाचार पत्रों के माध्यम से तमिलनाडु में काम कर रहे राज्य के मजदूरों पर हो रहे हमले की जानकारी मिली है. वहां के मुख्यमंत्री ने भी 20 मार्च तक झारखंडी मजदूरों को चेन्नई खाली करने को कहा है. यह गलत है. अमित यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बात कर के मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.

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