झारखंड प्लेयर्स कॉन्फ्रेंस: खिलाड़ियों ने सरकार से रखीं
ज़मीनी मांगें

खिलाड़ियों की बदहाली पर छलका दर्द, कहा- पदक जीतने के बाद भी सब्जी बेचने को मजबूर
रांची : राजधानी रांची में रविवार को झारखंड स्पोर्ट्स सोसाइटी के बैनर तले राज्य स्तरीय खिलाड़ियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में झारखंड में खेल और खिलाड़ियों की वर्तमान स्थिति पर गंभीर चर्चा हुई। कार्यक्रम का आयोजन पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की के मार्गदर्शन में हुआ।
सम्मेलन में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ी शामिल हुए। उन्होंने खुलकर अपनी व्यथा साझा करते हुए कहा कि झारखंड में खेल प्रतिभा की कोई कमी नहीं, लेकिन सरकार की खेल नीति की कमजोरी और उपेक्षा के चलते खिलाड़ी सम्मानजनक जीवन जीने से वंचित हैं।
खिलाड़ी बोले- पदक जिताने के बाद भी पहचान नहीं
सम्मेलन में खिलाड़ियों ने कहा कि झारखंड से महेंद्र सिंह धोनी, दीपिका कुमारी, सलीमा टेटे, निक्की प्रधान, मनोहर टोपनो जैसे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकले हैं, लेकिन यहां के कई खिलाड़ी पदक जीतने के बावजूद आज सब्जी बेचने, फास्ट फूड की दुकान चलाने, या पंचर बनाने जैसे काम करने को मजबूर हैं।
पूर्व खेल मंत्री बंधु तिर्की ने कहा, “यह राज्य का दुर्भाग्य है कि जिन खिलाड़ियों ने झारखंड का नाम रोशन किया, उन्हें ही आज पेट पालने के लिए छोटे-मोटे धंधों का सहारा लेना पड़ रहा है। जब तक खिलाड़ियों को रोजगार और सम्मान नहीं मिलेगा, तब तक खेलों के विकास की कल्पना अधूरी है।”
खेल संघों में बाहरी हस्तक्षेप से नाराजगी
सम्मेलन के दौरान खिलाड़ियों ने इस बात पर भी रोष जताया कि खेल संघों पर उन लोगों का कब्जा है, जिनका खेल से कोई लेना-देना नहीं। ऐसे लोग खिलाड़ियों की आवाज को दबाते हैं और राजनीतिक हित साधते हैं।
पूर्व ओलंपियन मनोहर टोपनो ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि पदक लाने वाले खिलाड़ियों को ही संघों से दूर रखा जाता है।
सरकार पर उठे सवाल, मांगों की लंबी सूची
खिलाड़ियों ने कहा कि झारखंड बनने के 24 साल बाद भी केवल 44 खिलाड़ियों को ही सरकारी नौकरी मिली है। इनमें से 39 नियुक्तियां 2021 में हेमंत सरकार के कार्यकाल में हुईं। उन्होंने सवाल उठाया कि सीसीएल, मेकॉन, टाटा, सेल जैसे बड़े संस्थानों ने अब खिलाड़ियों को रोजगार देना लगभग बंद कर दिया है।
सम्मेलन में उठीं ये प्रमुख मांगें:
झारखंड के स्थानीय खिलाड़ियों को नौकरी में प्राथमिकता मिले
राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को 5 डिसमिल जमीन या स्पोर्ट्स टाउनशिप दी जाए
खेल नीति व निर्णय समिति में खिलाड़ियों की भागीदारी सुनिश्चित हो
आर्थिक रूप से कमजोर खिलाड़ियों के लिए स्वास्थ्य बीमा व पेंशन योजना लागू की जाए
कॉलेज व विश्वविद्यालय में खिलाड़ियों की खेल शिक्षक के रूप में नियुक्ति हो
बाहरी खिलाड़ियों की अनावश्यक भर्ती पर रोक लगे
सभी खिलाड़ियों को एक मंच पर लाकर सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए
सरकार को चेताया, नहीं तो खिलाड़ी खेल छोड़ने को होंगे मजबूर
खिलाड़ियों ने कहा कि यदि सरकार और समाज ने जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए, तो नई पीढ़ी खेल को करियर के रूप में नहीं देखेगी। यह झारखंड के खेल भविष्य के लिए गंभीर खतरे का संकेत होगा।
सम्मेलन में नेताओं और खिलाड़ियों की बड़ी भागीदारी
सम्मेलन में झारखंड कांग्रेस प्रभारी के. राजू, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, पूर्व आईपीएस व हॉकी खिलाड़ी सरोजिनी लकड़ा, ओलंपियन मनोहर टोपनो, पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान सुमराय टेटे, सावित्री पूर्ति, JSCA अध्यक्ष अजयनाथ शाहदेव समेत कई हस्तियां मौजूद रहीं।
कार्यक्रम के अंत में सभी खिलाड़ियों ने एकजुट होकर कहा कि अगर सरकार और समाज साथ आएं, तो झारखंड आने वाले वर्षों में देश ही नहीं, दुनिया में खेल के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन सकता है।
