रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने मोरहाबादी स्थित रतन हाइट्स के मामले में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ बिल्डर वीकेएस रियलिटी और लैंड ओनर की अपील पर शुक्रवार को फैसला सुनाया. हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बिल्डर वीकेएस रियलिटी की अपील को खारिज कर दिया.
मामले में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. प्रतिवादी रतन हाइट्स रेसीडेंशियल सोसायटी की ओर से अधिवक्ता रोहित रंजन सिन्हा ने और फ्लैट ओनर की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया ने पैरवी की थी.
रतन हाइट्स की ओर से पूर्व में बताया गया था कि मामले में एकल पीठ ने उनके पक्ष में फैसला दिया है लेकिन बिल्डर एवं लैंड ओनर ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. कोर्ट को यह भी बताया गया कि एकल पीठ के आदेश के बावजूद भी बिल्डर ने रतन हाइट के बहुमंजिला इमारत के बगल में स्थित गड्ढे को नहीं भरा, जिससे इस बहुमंजिला इमारत का अस्तित्व खतरे में है. यहां रहने वाले लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
रतन हाईट्स बिल्डिंग रेसिडेंशियल सोसाइटी की याचिका पर हाई कोर्ट की एकल पीठ ने जुलाई 2023 में फैसला सुनाते हुए नगर आयुक्त द्वारा संशोधित नक्शा पास किए जाने के आदेश एवं संशोधित नक्शे को रद्द कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि 46 कट्ठा पर जो कॉमन एरिया था वह कॉमन एरिया ही रहेगा. कोर्ट ने लैंड ओनर और बिल्डर वीकेएस रियलिटी को गड्ढा भरने और यदि उसमें कोई कंस्ट्रक्शन किया है तो उसे हटाने, रिटेनिंग वॉल हटाने और उस जमीन को एक माह में सोसाइटी को हैंडओवर करने का दिया निर्देश दिया था.