रांची : झारखंड हाई कोर्ट में रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण एवं रांची शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई पर स्वतः संज्ञान की सोमवार को सुनवाई हुई हुई. मामले में जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम से पूछा कि गर्मी में पेयजल की समस्या से कैसे लड़ेंगे? भविष्य में रांची में पेयजल का संकट ना आए, इसके लिए निगम और सरकार क्या योजनाएं बना रही है. शहर के जल स्रोतों में पानी संरक्षित रखने के लिए सरकार और निगम का क्या प्लान है? कोर्ट ने मामले के अगली सुनवाई तीन अप्रैल निर्धारित की है.
सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि निगम ने भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए नियम बनाए गए हैं. इसका पालन नहीं करने वाले भवन मालिकों एवं अपार्टमेंट के निवासियों से डेढ़ गुना अतिरिक्त होल्डिंग टैक्स वसूला जा रहा है. तीन-चार माह में राजधानी के कांके डैम, हटिया डैम एवं गेतलसूद डैम का झारखंड स्टेट स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से सेटेलाइट मैपिंग किया जाएगा ताकि इन तीन डैम का जल स्रोत, कैचमेंट एरिया, डैम के आसपास के अतिक्रमण आदि की जानकारी हो सके.
कोर्ट ने मौखिक कहा कि भविष्य में रांची में पेयजल की संकट ना हो इसे लेकर राज्य सरकार और रांची नगर निगम अपना सुझाव दें. कोर्ट ने यह भी कहा कि एमिकस क्यूरी ने भी रांची में पेयजल संरक्षित रखने के लिए कई सुझाव दिए हैं उसपर राज्य सरकार एवं रांची नगर निगम ने कितना अमल किया गया, इसकी भी जानकारी दी जाए.