गिरिडीह : जिले के पीरटांड़ के सिंहपुर गांव के हस्त शिल्प कला केंद्र की तारीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात रेडियो प्रोग्राम के एक एपिसोड में की थी. मोदी की इस तारीफ से आसपास के गांवों की महिलाओं को आत्मबल मिला और उनके बांस के उत्पाद तैयार करने के काम में तेजी आ गयी.
राज्यपाल बांस के घरेलू उत्पाद देखकर काफी खुश हुए
अब दो दिवसीय गिरिडीह दौरे के क्रम में सूबे के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन भी बीते शुक्रवार को पीरटांड़ के सिंहपुर गांव पहुंचे. वे यहां महिलाओं द्वारा बनाए जाए रहे बांस के घरेलू उत्पाद देखकर काफी खुश हुए और हौसला आफजाई भी की. राज्यपाल के आगमन से इन महिलाओं का उत्साह और बढ़ गया.
स्वयं सहायता समूह की चिंता कुमारी ने कहा- सरकार से सहयोग मिल रहा
इस हस्त शिल्प कला केंद्र में बांस से बने घरेलू सजावट के समान बना रही महिलाओं के स्वयं सहायता समूह की एक सदस्य चिंता कुमारी ने कहा कि उन्हें सरकार से हर संभव सहयोग मिल रहा है. बांस से महिला बहनें चाय पीने वाले कप बनाने से लेकर घर में सजावट के लिए स्टैंड और पानी के बड़े जहाज तक बना रही है. इतना ही नहीं फूलों के ढेर रखने के लिए गुलदस्ता और दरवाजा सजाने के लिए झालर तक इसी बांस से बनाया जा रहा है.
नाबार्ड के माध्यम से सामानों को बनाने की पूरी ट्रेनिंग मिली
चिंता कुमारी ने कहा कि सरकार ने नाबार्ड के माध्यम से उन्हें इन सामानों को बनाने की पूरा ट्रेनिंग दी. बांस काटने का मशीन उपलब्ध कराया गया. इसे काट कर अलग-अलग सजावट के समान बनाने और रंग तक का ट्रेनिंग दिया गया. उनके घरेलू उत्पाद बाजारों तक पहुंचे इसके लिए मार्केटिंग की व्यवस्था भी नाबार्ड ने की. अब सिंहपुर गांव में ट्रेनिंग सेंटर खोला गया है. यहां हर रोज सौ से अधिक महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं जबकि सौ से अधिक महिलाएं सामान बना भी रही हैं.
200 से 400 तक कमाई कर रहीं महिलाएं
सौ महिलाओं को 200 से 300 और 400 तक की कमाई हो जाती है. देश-विदेश से सम्मेद शिखर मधुबन आने वाले पर्यटक हस्तशिल्प घरेलू रेंज क्रय करते हैं. महिलाओं को जुड़ते देखकर अब सिंहपुर गांव के साथ पीरटांड़ के वीरेनगडा समेत आधा दर्जन गांव की महिलाओं ने ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है. कई महिलाओं ने कहा कि पीएम मोदी के मन की बात प्रोग्राम में सिंहपुर की चर्चा किये जाने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा है. शुक्रवार को राज्यपाल के आगमन के बाद तो महिलाएं काफी खुश हैं.
उत्पाद का मार्केट बढ़ेगा, जिससे आर्थिक रूप से और संबल होगी
महिलाओं का मानना है कि उनके उत्पाद का मार्केट बढ़ेगा, जिससे आर्थिक रूप से और संबल होगी. इस बाबत सिंहपुर के शिक्षक मनोज अग्रवाल का मानना है कि तकरीबन एक हजार की आबादी वाले सिंहपुर और उतनी ही आबादी वाले बिरनगडा जैसे मधुबन से सटे गांवों के महिला-पुरुष काफी मेहनती हैं. इनकी मेहनत तभी पूरी सार्थक होगी जब हस्तशिल्प बांस के उत्पाद को महानगरों का बाजार मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी इनका बाजार सीमित है, जिसे व्यापक बनाने की जरूरत है.