रांची : झारखंड बजट में स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ ही सरकार के राजस्व संग्रह में वृद्धि हेतु झारखंड चैंबर ऑफ कामर्स ने राज्य सरकार द्वारा आयोजित बजट पूर्व गोष्ठी में शामिल होकर अपने कई सुझावों से अवगत कराया.
राजस्व कैसे बढे, हमने इसकी भी समीक्षा की : किशोर मंत्री
चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा बजट के लिए सुझाव आमंत्रित किये जाने की प्रक्रिया का स्वागत करते हुए कहा कि खर्च की बातें तो हमेशा की जाती है, सरकार का राजस्व कैसे बढे, हमने इसकी भी समीक्षा की है.
वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने का सुझाव
सरकार के राजस्व संग्रह में वृद्धि हेतु उन्होंने राज्य में बंद पडे लौह अयस्क की खदानों को जल्द खोलने, खदान से निकले आयरन-ओर, बाक्साइट इत्यादि के ऑक्शन, मिनरल्स की आसान उपलब्धता के लिए सुविधाजनक नीति का निर्माण करने, बिना नक़्शे के बने भवनों को नियमितीकरण करने, वर्तमान उत्पाद नीति में संशोधन करते हुए ओडिसा अथवा कर्नाटक सरकार की नीति का अनुसरण करने, खासमहल भूमि को फ्रीहोल्ड करने की प्रक्रिया का सरलीकरण करने और व्यवसायिक वाहनों पर वर्षों से बकाया टैक्स की प्राप्ति हेतु वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने का सुझाव दिया. यह कहा कि इन उपायों से सरकार को हजारों करोड की तत्काल आमदनी होगी.
वनोत्पाद का राज्य में ही संयंत्र स्थापित कराएं
चैंबर अध्यक्ष ने वनोत्पाद का राज्य में ही वैल्यू एडेड करते हुए संयंत्र स्थापित कराने, राज्य में ऑटोमोबाइल हब और स्पेयर पार्ट्स हब के निर्माण, स्पोर्ट्स गुड्स मैनुफैक्चरिंग हब के निर्माण हेतु नीति का निर्माण करने, रेल मंत्रालय से समन्वय बनाकर राज्य में रेल व्हिल और कोच फैक्ट्री का निर्माण कराने की बात भी उन्होंने कही.
स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा
यह कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर काफी संख्या में रोजगार का सृजन होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की आकर्षक नीति के कारण प्रदेश में काफी संख्या में टेक्सटाइल उद्योग स्थापित हुए हैं किंतु एन्सिलरी उद्योग स्थापित नहीं होने के कारण रा मटेरियल के लिए दिल्ली, कोलकाता जैसे शहरों पर निर्भर होना पडता है.
टेक्सटाइल पार्क से एन्सिलरी इंडस्ट्री स्थापित होंगी
टेक्सटाइल पार्क के स्थापित होने से एन्सिलरी इंडस्ट्री स्थापित होंगी, जिससे उद्योगों के लिए जरूरी रा मटेरियल की आसान उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. अपने संबोधन के द्वारा उन्होंने राज्य में जिलेवार ट्राइबल बिजनेस डेवलपमेंट का गठन करने की भी मांग की और कहा कि आदिवासी वर्ग के विकास एवं उनके आय में वृद्धि हेतु वन संपदा से आधारित लघु एवं मध्यम उद्योग स्थापित करने पर विशेष प्रोत्साहन नीति की घोषणा की जाय.
कुछ अन्य प्रमुख सुझाव भी दिए
कुछ अन्य सुझावों में मुख्यतः प्रत्येक जिले में एक औद्योगिक क्षेत्र की अनिवार्यता के साथ केवल एमएसएमई मैनुफैक्चरिंग सेक्टर के लिए 50-100 एकड अतिरिक्त लैंड बैंक विकसित करने, राज्य में व्यापार-उद्योग आयोग का गठन करने, राज्य के पांचों प्रमण्डल में ट्रेड बिजनेस सेंटर की स्थापना करने, पर्यटन को उद्योग का दर्जा देते हुए सभी पर्यटन स्थलों को विकसित करने आदि.
रिंग रोड/बाईपास मार्ग का निर्माण करने की सलाह
जाम से ग्रसित शहरों के आसपास रिंग रोड/बाईपास मार्ग का निर्माण करने, सभी जिलों में ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण, बस स्टैंड का आधुनिकीकरण करने, पांचों प्रमण्डल में ड्राइविंग प्रशिक्षण और उप चालक प्रशिक्षण सेंटर खोलने, राज्य में उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थान और उच्च कोटि के अस्पताल व रिसर्च सेंटर की स्थापना करने, नये मेडिकल कालेज खोलने और खेलगांव को स्पोर्ट्स यूनिवर्सिर्टी के रूप में तब्दील करने के साथ ही झारखण्ड चैंबर को स्टेट इंडस्ट्री पार्टनर नियुक्त करने का सुझाव शामिल है.
इस अवसर पर चैंबर के उपाध्यक्ष अमित शर्मा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव शैलेश अग्रवाल और प्रवक्ता ज्योति कुमारी व सदस्य प्रमोद चौधरी शामिल थे.