रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन आज वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण सभा पटल पर रखा गया. वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 2019-20 की आर्थिक मंदी और वर्ष 2021-21 के कोविड-19 के लॉकडाउन के बाद झारखंड की अर्थव्यवस्था एक बार फिर पटरी पर लौट आयी है.
कोविड में संवेदनशील प्रबंधन के कारण कम प्रभाव
राज्य का जीएसडीपी वर्ष 2019-20 में केवल 1.1 प्रतिशत बढ़ा और वर्ष 2020-21 में 5.5 प्रतिशत तक सिकुड़ गया. कोविड 19 महामारी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित किया था. लेकिन राज्य में कोविड की स्थिति के संवेदनशील प्रबंधन के कारण झारखंड की अर्थव्यवस्था देश के अन्य हिस्सों की तुलना में इससे कम गंभीर रूप से प्रभावित हुई थी.
2022-23 में देश की विकास दर 7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार झारखंड देश के कम आय वाले राज्यों में से एक है. 2022-23 में देश की विकास दर 7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया गया, वहीं झारखंड की 7.8 प्रतिशत है. रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में गरीबी का हेड काउंट अनुपात 13 प्रतिशत कम हो गया.
औद्योगिकीकरण में झारखंड अग्रणी राज्य
झारखंड तेजी से औद्योगिकीकरण के मामले में भारत का अग्रणी राज्य बनता जा रहा है. झारखंड का प्रशासन सक्रिय रूप से कौशल विकास का काम कर रहा है. राज्य में निर्यात की मात्रा बढ़ रही है. झारखंड सरकार अपने मुख्य स्तंभों में से एक खनन और खनिज, कृषि और व्यवसाय के विकास से रोजगार सृजन पर बल दे रही है. शिक्षा की स्थिति में भी सुधार हुआ है.