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झारखंड अधिवक्ता परिषद का प्रांतीय अभ्यास वर्ग संपन्न, अधिवक्ताओं के सामाजिक दायित्वों पर हुई विस्तृत चर्चा

रांची, 13 जुलाई: अधिवक्ता परिषद, झारखंड द्वारा आयोजित प्रांत स्तरीय दो दिवसीय अभ्यास वर्ग का समापन रविवार को रांची स्थित श्री हनुमान बख्श पोदार भवन (रानी सती मंदिर परिसर) में विधिवत रूप से हुआ। समापन समारोह में परिषद से जुड़े राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य, प्रांतीय पदाधिकारी, मार्गदर्शक, कार्यकारिणी सदस्य, आयाम टोली और जिलों के प्रभारीगण सहित लगभग 183 अधिवक्ताओं ने भाग लिया।

“परिषद समाज और न्याय के बीच सेतु है” – चरण सिंह त्यागी

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय मंत्री एवं झारखंड-बिहार प्रभारी श्री चरण सिंह त्यागी (मेरठ) ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,

“अधिवक्ता परिषद केवल वकीलों का संगठन नहीं, बल्कि एक न्यायिक-सामाजिक आंदोलन है। यह समाज की पीड़ा को समझते हुए अंतिम व्यक्ति तक सस्ता और सुलभ न्याय पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने कहा कि परिषद विभिन्न आयामों के माध्यम से अधिवक्ताओं को जागरूक करता है, क्योंकि जब अधिवक्ता जागरूक होगा, तभी समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव है।


चार सत्रों में हुई विचारोत्तेजक चर्चा

अभ्यास वर्ग में कुल चार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें परिषद के विविध कार्यों, अधिवक्ताओं के व्यक्तित्व विकास, नीति निर्माण, तथा सामाजिक भूमिका पर विस्तार से मंथन हुआ। वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अधिवक्ताओं को केवल विधिक सहायता तक सीमित न रहकर समाज में न्याय, अधिकार और चेतना के वाहक की भूमिका निभानी चाहिए।


सम्मान और सहभागिता

समारोह में परिषद की सक्रियता और आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले कई पदाधिकारियों को बुके देकर सम्मानित किया गया। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं:

राज कुमार शर्मा, डॉ. संतोष पांडेय, बी. उमा कामेश्वरी, महामाया राय, रीतेश कुमार बॉबी, अमरदीप गोयल, किरण सुषमा खोया, अनूप जायसवाल, मीरा कुमार, सत्येंद्र नाथ गंझू, बलदेव शर्मा, मनोज कुमार, ज्योति कश्यप, पंचानंद जी, राधाकृष्ण गुप्ता, प्रेम प्रकाश, पायल लाठ, कृतिका खोया, आरती गुप्ता आदि।

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