जमशेदपुर को मिलेगा नया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, गांगाड़ा में 49.50 एकड़ भूमि चिन्हित
Jamshedpur | 28 जुलाई 2025 : झारखंड की औद्योगिक राजधानी जमशेदपुर एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मानचित्र पर लौटने की तैयारी में है। झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) के प्रयासों के बाद जिला प्रशासन ने पटमदा अंचल के गांगाड़ा गांव में 49.50 एकड़ भूमि को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए चिन्हित कर लिया है।
CM के निर्देश पर तेजी से हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बाद पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पटमदा, पोटका और जमशेदपुर अंचल में संभावित स्थलों की पहचान शुरू की। गांगाड़ा गांव को स्थानिक और भौगोलिक दृष्टि से आदर्श मानते हुए चयन किया गया, जो कटिंग चौक से पश्चिम बंगाल के बड़ाबाजार जाने वाली सड़क पर स्थित है और स्टेट हाइवे से जुड़ा हुआ है।
BCCI देगा ₹500 करोड़ का फंड
BCCI ने आश्वस्त किया है कि यदि भूमि उपलब्ध हो जाती है, तो JSCA को 500 करोड़ रुपये का फंड स्टेडियम निर्माण के लिए दिया जाएगा। BCCI का मानना है कि इस तरह की परियोजनाएं क्षेत्रीय क्रिकेट को बढ़ावा देंगी और भविष्य के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सामने आएंगे।
प्रशासन और JSCA के बीच सहयोगात्मक योजना
स्टेडियम का निर्माण कार्य JSCA द्वारा किया जाएगा, जबकि सड़क, बिजली, जल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था जिला प्रशासन सुनिश्चित करेगा। भूमि को पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद और युवा कार्य विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद तय किया जाएगा कि भूमि नि:शुल्क दी जाएगी या उचित दर पर हस्तांतरित की जाएगी।
कीनन स्टेडियम की विरासत और वर्तमान स्थिति
जमशेदपुर का प्रसिद्ध कीनन स्टेडियम 1983 से 2006 तक 10 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों का गवाह बना। लेकिन 2006 के बाद से अंतरराष्ट्रीय मैच बंद हो गए क्योंकि टाटा स्टील प्रबंधन और JSCA के बीच विवाद उत्पन्न हो गया था। अब यह मैदान केवल रणजी ट्रॉफी, अंडर-22 और अंडर-19 मैचों तक सीमित रह गया है।
ADC भगीरथ प्रसाद का बयान
जमशेदपुर के ADC भगीरथ प्रसाद ने जानकारी दी कि गांगाड़ा में भूमि चिन्हित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि,
“नए अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम से न केवल जमशेदपुर की पहचान लौटेगी, बल्कि खेल पर्यटन, रोजगार और क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी।“
