पूर्वी सिहंभूमि

भक्ति और आस्था में डूबा जमशेदपुर, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य

पूर्वी सिंहभूम, 27 अक्टूबर । लोक आस्था के महापर्व छठ के पावन अवसर पर सोमवार की शाम जमशेदपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुवर्णरेखा और खरकई नदी के घाटों पर हजारों श्रद्धालु अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देने पहुंचे, वहीं मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रती अपनी कठिन साधना का समापन करेंगे।

लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सोमवार की शाम शहर और ग्रामीण इलाकों में भक्तिमय माहौल रहा। सुवर्णरेखा नदी घाट, दोमुहानी संगम तट, डिमना लेक, सोनारी, भुइयांडीह, कदमा सहित शहर के सभी प्रमुख छठ घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। ग्रामीण इलाकों पोटका, पटमदा, घाटशिला, हल्दीपोखर और चाकुलिया में भी व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।

महिलाओं ने लाल-पीला वस्त्र धारण कर बांस की सूप और दौरा में ठेकुआ, फल, नारियल और दीप सजाकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। घाटों पर छठ के पारंपरिक लोकगीतों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। बच्चे, महिलाएं और पुरुष सभी ने घाटों पर एकत्र होकर सूर्य देव से परिवार की सुख-समृद्धि और मंगल की कामना की।

प्रशासन की ओर से भी सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर पुख्ता तैयारी की गई है। शहर के सभी घाटों पर पुलिस बल, एनडीआरएफ की टीम और गोताखोरों की तैनाती की गई है, जिससे कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। घाटों पर रोशनी, बैरिकेडिंग और मेडिकल टीम की भी व्यवस्था की गई है।

सुवर्णरेखा नदी के दोमुहानी संगम तट को विशेष रूप से आकर्षक तरीके से सजाया गया है। रंगीन झालरों, दीपों और फूलों से सजे घाट ने मानो त्योहार को नई ऊर्जा प्रदान की है। देर शाम तक श्रद्धालु अपने-अपने परिवार के सदस्यों के साथ छठी मैया के गीतों पर झूमते नजर आए।

अब मंगलवार, 28 अक्टूबर की प्रातः बेला में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय छठ व्रत का समापन होगा। घाटों पर अंतिम अर्घ्य के लिए तैयारियां रात से ही शुरू कर दी गई हैं। प्रशासन ने व्रतियों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करें।

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