पलामू : मेदिनीनगर सेंट्रल जेल के कैदी कुंदन पांडे की मौत पर उसके परिजनों ने जेल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. मौत की सूचना मिलने पर एमआरएमसीएच में पहुंची उसकी मां ने कहा कि जेल जाने से पहले उसका बेटा पूरी तरह से स्वस्थ था. दो दिन पहले उसकी उससे मिलने गई थी लेकिन मिलने नहीं दिया गया.
कुंदन की मां ने कहा कि जेल प्रबंधन ने उसके बीमार रहने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी. पांच दिनों के भीतर ही उसकी मौत कैसे हो गई? जेल प्रशासन की कार्यशैली संदेह के घेरे में है. परिजनों ने मामले में दोषी जेल प्रशासन पर कार्रवाई करने की मांग की है. परिजनों ने यह भी कहा कि कुंदन लड़का और लड़की के मामले में लड़के को समझाने गया था लेकिन उस पर अपहरण का केस करके जेल भेज दिया गया. उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए.
इधर, घटना की सूचना मिलने पर पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी अस्पताल पहुंचे और पूरी मामले जानकारी ली. जेल से अस्पताल लाने पर कैदी की स्थिति कैसी थी? इसकी जानकारी ली. अस्पताल में लाने के बाद कैदी के साथ किस तरह का इलाज किया गया यह भी पता किया. अस्पताल की ओर से बताया गया कि सुबह में कुंदन को इलाज के लिए लाने पर इसका ईसीजी किया गया, जिसमें वह मृत पाया गया. उन्होंने कहा कि अस्पताल के रिकॉर्ड से पाया गया है कि कुंदन पांडे को मृत अवस्था में बुधवार सुबह 5.30 बजे लाया गया था. हालांकि, जेल प्रबंधन ने अपने दस्तावेज में प्राण रक्षार्थ भेजने की बात कही है. पूरे मामले में जेल प्रशासन दोषी है. परिवार के लोग इस मामले में प्राथमिक दर्ज कराएंगे. मैं सरकार से मांग करता हूं की इसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए और जेल प्रबंधन के साथ-साथ अन्य जो भी दोषी हैं, उन पर कार्रवाई की जाए.
इस मामले में जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह करीब चार बजे जेल के कंपाउंडर ने सूचना दी कि कुंदन पांडे की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है. इसके बाद उसे इलाज के लिए एमआरएमसीएच में भेजा गया था.