social news search

I-N-D-I-A गठबंधन में लोकसभा चुनाव से पहले दरार! इन राज्यों में सीट बंटवारा कांग्रेस के लिए आसान नहीं

राजनीति राष्ट्रीय

लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस सक्रिय हो चुकी है, उसने विपक्षी गुट इंडिया के घटकों के साथ सीट-बंटवारे की बातचीत शुरू कर दी है. यह कदम पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच विस्तृत आंतरिक विचार-विमर्श के बाद उठाया गया है. आपको बता दें कि सीट-बंटवारा बीजेपी विरोधी गुट की पार्टियों के बीच एक पेचीदा मुद्दा बना हुआ है और हाल के दिनों में इसके कारण कुछ तनाव देखने को मिला. सूत्रों के हवाले से जो मीडिया में खबर है उसके अनुसार, वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को आगामी आम चुनाव के लिए सीट-बंटवारे की योजना पर चर्चा करने के लिए 28-पार्टी विपक्षी समूह के अन्य नेताओं तक पहुंचने का निर्देश दिया गया है. बताया जा रहा है कि पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ सीट बंटवारे के लिए औपचारिक बातचीत सोमवार से शुरू होगी.

खबरों की मानें तो सीट-बंटवारे पर कांग्रेस की पांच सदस्यीय समिति, जिसके संयोजक मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और भूपेश बघेल सदस्य हैं- पहले ही राज्य कांग्रेस प्रमुखों के साथ आंतरिक परामर्श कर चुकी है, साथ ही अपने निष्कर्ष पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे तक पहुंचा चुकी है. विपक्षी गुट 2024 में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए लोकसभा चुनाव की सीटों पर बीजेपी के खिलाफ एक भी विपक्षी उम्मीदवार रखने पर सहमत हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेतृत्व की दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा है.

किन राज्यों में होगी कांग्रेस को परेशानी
कुछ राज्यों में कांग्रेस के लिए सीट-बंटवारे की बातचीत एक मुश्किल काम रहेगी, जहां उसका स्थानीय पार्टियों के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं है. जैसे, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी द्वारा कांग्रेस को सिर्फ दो सीटें देने की पेशकश के बाद विपक्ष गुठ ‘इंडिया’ में दरार दिखनी शुरू हो गई हैं1 सबसे पुरानी पार्टी ने यह कहकर प्रतिक्रिया दी कि उसे ‘ममता की दया’ की आवश्यकता नहीं है. तमिलनाडु, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में, क्रमशः DMK, JD(U)-RJD और JMM के साथ कांग्रेस के मौजूदा गठजोड़ के कारण बातचीत आसान हो सकती है. पश्चिम बंगाल के अलावा, कांग्रेस को केरल, दिल्ली और पंजाब जैसे विवादास्पद राज्यों में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.

यूपी में भी कांग्रेस को हो सकती है दिक्कत
केरल में, कांग्रेस के पास राज्य के 20 में से 19 सांसद हैं और सीपीएम के साथ समझौता करना वह नहीं चाहेगी. वहीं पंजाब में आप और कांग्रेस दोनों की राज्य इकाइयां अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं और कोई समझौता नहीं करना चाहतीं. उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं नजर आ रहा है. हाल ही में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा उन्हें कोई सीट न दिए जाने और उनके खिलाफ कमलनाथ के बयानों को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव अभी भी नाराज हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *