जनसुराज यात्रा का कारवां रविवार को गोपालगंज जिले के काशी टेंगराही पंचायत स्थित बुनियादी विद्यालय पहुंचा. यहां प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम और आप इस भ्रम में रहते हैं कि हमारे जाति वाले नेता के जीतने से हमारी जिंदगी बदल जाएगी.
हमारे घर-परिवार के सात पुश्तों को राजनीति नहीं आती थी
प्रशांत किशोर ने कहा कि 2011 से लेकर 2021 तक 10 साल में देश में 11 चुनाव करवाएं हैं. हमारे घर-परिवार के सात पुश्तों को राजनीति नहीं आती थी. मैंने भी कभी राजनीति से जुड़े काम करने के बारे में नहीं सोचा था. आज तक मैंने जिसका भी हाथ पकड़ा है उसे कभी हारने नहीं दिया है. उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि इस अभियान से लोग इसलिए भी जुड़ रहे हैं.
मैंने एक ही फार्मूला सीखा, जिस काम को लिया, ईमानदारी दिखाई
क्योंकि, उन्हें लगता है प्रशांत किशोर उनके सिर पर हाथ रख देंगे तो कल विधायक और परसो मंत्री बन जाएंगे. वो नहीं होने वाला है. मेरे पास ऐसा कोई फार्मूला भी नहीं है. मैंने एक ही फार्मूला सीखा है, जिस भी काम को मैंने लिया उसे पूरे ईमानदारी से करने की कोशिश की. 10 साल से काम करने और नेता, दलों को जिताने के बाद जो समझ आई वो ये कि नेताओं और दलों के जितने से जनता की जिंदगी नहीं बदलती.”