रांची : डाल्टनगंज स्थित शान्ति की महारानी गिरजाघर में राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो येसु समाजी और डाल्टनगंज के बिशप थियोडोर ने ख्रीस्मा मिस्सा संपन किया. यह पवित्र मिस्सा वर्ष में मात्र एक दिन ही होता है. इस मिस्स्सा बलिदान में धर्मप्रांत के सभी 23 परिसों और ईसाई स्कूलों मे कार्यारत सभी पुरोहित और धर्मबहने धर्माध्यक्ष के साथ मिस्सा बलिदान में भाग लिया.
आर्च बिशप ने पुरोहिताई की गरिमा बतायी
इस समारोह में सभी पुरोहित गण अपने पुरोहिताई समर्पण का नवीनीकरण बिशप थियोडोर और आर्च बिशप के सामने किए. कार्यक्रम की शुरुआत 9:30 हुई. आर्च बिशप फेलिक्स ने सभी पुरोहितों को पुरोहिताई की गरिमा के बारे में बताया और उन्हे एक पवित्र, कर्मठ और येसु जैसा सही धार्मिक नेता बन कर जीने की सलाह दी.
पवित्र मिस्सा बलिदान सम्मान किया गया
इसके बाद पवित्र मिस्सा बलिदान सम्मान किया गया. जिसके मुख्य अनुष्ठाता महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो येसु सामाजी और बिशप थियोडोर रहे. मिस्सा के दौरान तीन पवित्र तेलों की भी आशीष की गयी जिसका प्रयोग विभिन्न कैथोलिक संस्कारों में किया जाएगा.
पहला तेल– दीक्षार्थियों का तेल : इस तेल के अभ्यंजन द्वारा नवदीक्षितों को बपतिस्मा दिया जाता है.
दूसरा तेल– बीमारों का तेल : इस तेल का प्रयोग और अभ्यंजन द्वारा बीमारों को चंगा किया जाता है ताकि उन्हें इश्वरीय सांत्वना, धीरज और शक्ति मिले.
तीसरा तेल- पवित्र विलेपन का तेल : इस पवित्र तेल का प्रयोग और अभ्यंजन पुरोहित-अभिषेक एवं दृढी़करण संस्कार के उम्मीदवारों को, अभ्यंजित किया जाता है. यह पवित्र विलेपन, नए गिरजा घरों कि बेदी, या पात्रो के अभ्यंजन के लिए किया जाता है.
बिशप थियोडोर ने पुरोहितों को धन्यवाद दिया
मिस्सा के अंत में बिशप थियोडोर ने सभी पुरोहितों को उनके कार्य के लिए धन्यवाद दिया और उसने आग्रह किया कि सभी पुरोहित सच्चे दिल से ईश्वर और उसकी प्रजा की सेवा करें तथा अपने आप में और कभी चीजों में ईमानदार बने.
समारोह में रहे मौजूद
इस समारोह में रांची माहधर्मप्रांत के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो और डाल्टनगंज के बिशप थिओडोर मसकरेनहस एस एफ एक्स, डाल्टनगंज धर्मप्रांत के चांसलर फा. विजय टोप्पो, तीनो डीन फा. जार्ज तिग्गा, फा. अगस्टीन खेश, फा. एमानुवेला केरकेटा, बिशप सेक्रेटरी फा. प्रदीप बखला डाल्टनगंज धर्मप्रांत के सभी पल्ली पुरोहित, पल्लियों और संस्थानों में कार्यरत पुरोहित, धर्म बहनों और विश्वासियों ने ख्रीस्मा मिस्सा में भाग लिया.