रांची : होली के अवसर पर मारवाड़ी सहायक समिति के तत्वावधान में संपूर्ण मारवाड़ी समाज का होली मिलन समारोह 8 मार्च को मारवाड़ी भवन में आयोजित किया गया है. जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. होली मिलन समारोह के संयोजक का दायित्व सज्जन पाड़िया को दिया गया है.
समाज की महिलाओं ने डांडा रोपण ठंडी होली पूजन किया
मारवाड़ी सहायक समिति के अध्यक्ष अशोक नारसरिया, सचिव कौशल राजगढ़िया एवं प्रवक्ता संजय सर्राफ ने संयुक्त रूप से बताया कि आज मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने बाजार टांड एवं बकरी बाजार मे सुबह 10:00 बजे डांडा रोपण ठंडी होली पूजन की.
परंपरागत राजस्थानी वेशभूषा में थीं महिलाएं
सभी महिलाएं परंपरागत राजस्थानी वेशभूषा ओढ़नी चुनरी ओढ़कर पूरे विधि- विधान से पूजा अर्चना की एवं गोबर का बड़कुल्ला की माला चढ़ाया गया. 7 मार्च को प्रातः काल 4:30 बजे होलिका दहन का कार्यक्रम होगा.
10 दिन पूर्व से बंटा है गोबर का बड़कुल्ला
संजय सर्राफ ने बताया कि मारवाड़ी समाज होली के 10 दिन पूर्व से गोबर का बड़कुल्ला या गुल्लरा बनाया जाता है तथा होलिका दहन के दिन बड़कुल्ला की माला पिरोया जाता है, जिसमें गोबर से बने कई खिलौने भी रहते हैं.
गोबर से बनायी जाती है सामग्री
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी को गोबर की पांच ढाल, एक तलवार, चंद्रमा, सूरज, नारियल, एक होलिका माता, एक पान तथा आधी रोटी गोबर से बनायी जाती है. होलिका को रोली मेहंदी व आटे से सजाकर आंख में कौड़ी लगा देते हैं.
बड़कुल्ला की माला को होलिका दहन के दिन जलाया जाता है
सभी को धूप में सुखा लिया जाता है नारियल की रस्सी में एक बड़ी बड़कुल्ला की माला बना लिया जाता है. जिसे होलिका दहन के दिन जलाया जाता है. होली में बनाए बड़कुल्ला गोबर से बनते हैं गोबर को जलाने से निकलने वाला धुआं वातावरण को शुद्ध करता है. होलिका दहन कार्यक्रम का संयोजक पवन पोद्दार, शिव सरावगी, केदार अग्रवाल एवं रमेश अग्रवाल है.
होली मिलन समारोह 8 मार्च को मारवाड़ी भवन में
होली मिलन समारोह 8 मार्च को मारवाड़ी भवन में अपराह्न 3:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक होगा. होली मिलन समारोह का सामूहिक विधिवत उद्घाटन मारवाड़ी समाज से संबंधित सभी संस्थाओं के अध्यक्ष एवं मंत्री संयुक्त रूप से करेंगे.
रंगारंग राजस्थानी नृत्य होगा आकर्षण
होली मिलन समारोह में रंगारंग आकर्षक राजस्थानी नृत्य के कार्यक्रम के साथ- साथ अबीर- गुलाल, ठंडाई संग स्वादिष्ट एवं लजीज अल्पाहार के आनंद के साथ बुजुर्गों एवं बच्चों को आशीष एवं अपनों का मिलन का कार्यक्रम होगा. होली मिलन समारोह में समाज के करीब 2000 से भी अधिक लोग कार्यक्रम का लुत्फ़ उठायेंगे.