रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमंता बिस्वा सरमा बिना जानकारी के झारखंड में कानून सिखाने आ गये हैं. उन्हें बताना चाहिए कि किसान आंदोलन क्या पाकिस्तान में हो रहा था. ये वहीं हिमंता हैं जिनकी पार्टी ने किसान आंदोलनकारियों को रोकने के लिए सड़कों पर कीलें लगा दीं. कटीले तार औऱ कंक्रीट के बैरियर लगा दिये. हिमंता बिस्वा सरमा तब कहां थे.
सुप्रियो ने याद दिलाते हुए कहा कि किसान आंदोलन के समय दिल्ली में 42 केस दर्ज किये गये. वहीं, हरियाणा में 138 केस दर्ज किये गये. कुल मिलाकर एक आंदोलन में 180 एफआईआर दर्ज किये गये. नामजद और लाखों अज्ञात के नाम पर केस दर्ज किये गये. दरअसल, हिमंता को ये कहना चाहिये था कि हम डरे हुए हैं. हम जेएमएम का मुकाबला नहीं कर सकते. हम हेमंत सोरेन का मुकाबला नहीं कर सकते.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इस साल चार राज्यों में चुनाव होने हैं. इसमें एक झारखंड भी है. पहले जम्मू-कश्मीर को विभाजित किया गया.
उन्हाेंने कहा कि लोकतंत्र को चोट पहुंचायी गयी. अब सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में आने पर वहां चुनाव कराये जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनावों की तिथियों की घोषणा कर दी है. इन दोनों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो गयी है. इस बीच हरियाणा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने आयोग से हरियाणा में एक तारीख को होने वाले चुनाव की तिथि बदलने की मांग की है.
सुप्रियो ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब केंद्र में काबिज सत्तारूढ़ दल का नेता ही चुनाव की तिथि बदलने की मांग कर रहा है. इसका कारण ये है कि भाजपा लोगों के सामने आने से डर रही है. इसलिए चुनाव को स्थगित या टालना चाहती है. इसका असर झारखंड में भी दिखाई पड़ा है. यहां 23 तारीख को इन्होंने एक रैली की. इस रैली में भाजपा से संबंध रखने वाले तमाम उपद्रवी शामिल थे. इन्होंने राज्य के सुरक्षा कर्मी और पुलिस प्रशासन पर जानलेवा हमला किया. ऐसे लोगों को आंसू गैस के गोले छोड़कर नियंत्रित किया गया. ये लोग दस्ताने पहनकर आये थे और कटर अपने साथ लेकर आये थे. इन उपद्रवियों की ओर से पत्थर फेंके गये. पुलिस कर्मियों की हत्या करने की नीयत से पत्थर फेंके गये. उन्हाेंने कहा कि इसका वीडियो सभी के पास है.