रांची में ट्रैफिक समस्या पर हाईकोर्ट सख्त, शासन-प्रशासन से मांगा ब्योरा

राँची

रांची : झारखंड हाई कोर्ट में राजधानी रांची में लचर ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई गुरुवार को हुई. मामले में कोर्ट ने मौखिक कहा कि रांची में ट्रैफिक जाम की समस्या में कोई सुधार नहीं हो रहा है. मेन रोड में सुजाता चौक से अल्बर्ट चौक तक ट्रैफिक नियमों का रोज उल्लंघन होता है.

कोर्ट को बताया गया कि महात्मा गांधी मार्ग (मेन रोड) में सुजाता चौक से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक दो पहिया वाहन वाले बिना हेलमेट के चलते हैं एवं ट्रिपल राइडिंग भी करते हैं. इस पर कोर्ट ने सरकार को बताने को कहा है कि सुजाता चौक से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक ट्रैफिक नियम के पालन करने को लेकर क्या कार्रवाई की गई है. इस इलाके में कितने चालान ट्रिपल राइडिंग एवं बगैर हेलमेट वाले दोपहिया वाहन चालकों से काटे गए हैं. कोर्ट ने यह भी पूछा है कि रांची के किन-किन इलाकों में ट्रैफिक रूल का पालन नहीं करने पर सबसे ज्यादा चालान कटता है.

शहर में किन-किन जगहों पर सीसीटीवी हैं और कहां-कहां यह फंक्शनल हैं और कहां-कहां यह फंक्शनल नहीं हैं. कोर्ट ने ट्रैफिक पोस्ट के संबंध में भी सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट पूछा है कि मेकॉन चौक के पास, हाई कोर्ट के गेट नंबर 2 के पास पुलिसकर्मी बगैर ट्रैफिक पोस्ट के सड़कों पर सुबह नौ से रात के नौ बजे तक खड़े रहते हैं. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि रात में नौ बजे के बाद रांची शहर में ट्रैफिक पुलिस कर्मी के नहीं रहने पर ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलता है या नहीं.

कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को बताने को कहा है कि ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के रिक्त पदों को भरने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है. इसके अलावा कोर्ट ने गृह सचिव से यह भी पूछा है कि ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को वाहनों के स्पीड चेक करने वाले उपकरण, गलत पार्किंग में लगे वाहनों को उठाने के लिए टोइंग ट्रक आदि की व्यवस्था करने के लिए क्या किया जा रहा है. कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रैफिक एसपी से इंस्ट्रक्शन लेकर कई बिंदुओं पर जानकारी देने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 मई निर्धारित की है.

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