
रांची : झारखंड हाईकोर्ट में हजारीबाग के गिद्दी थाने में दर्ज आर्म्स एक्ट मामले में आराेपित अमन श्रीवास्तव की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश के तहत हजारीबाग एसपी सशरीर उपस्थित हुए. अदालत को बताया गया कि मामले में अनुसंधानकर्ता (इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर) की गवाही पूरी कर ली गई है. गवाही के दौरान कई तारीखों पर उनकी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया था.
याचिकाकर्ता की ओर से जमानत याचिका वापस लेने का अनुरोध किया गया, जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए याचिका खारिज कर दी.इस मामले में कोर्ट के निर्देश पर हजारीबाग के सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर (एसडीपीओ) ने जवाब दाखिल किया था, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए नाराजगी जताई. काेर्ट ने कहा कि कि हजारीबाग एसपी को मामले मे शपथ पत्र दाखिल कर बताना था कि गवाही में अनुपस्थित रहने वाले अनुसंधानकर्ता के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया है.
गाैरतलब है कि मामले में सिर्फ अनुसंधानकर्ता की ही गवाही बची थी. नवंबर 2024 से उनकी गवाही नहीं हो पा रही है, जिससे ट्रायल पूरा नहीं हो सका है. पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने हजारीबाग एसपी से स्पष्टीकरण मांगा था कि दो माह से अधिक समय बीतने के बाद भी अनुसंधानकर्ता गवाही के लिए उपस्थित क्याें नहीं हो रहे हैं. ऐसे में अनुसंधानकर्ता पर क्या कार्रवाई की गई है. इस पर हजारीबाग एसपी ने जवाब दिया कि अनुसन्धानकर्ता की तबीयत खराब थी, जिसके कारण अनुसंधानकर्ता गवाही देने नहीं जा सके थे. हालांकि, अगली तिथि में वे गवाही देने जाएंगे.
इस मामले में अमन श्रीवास्तव सहित आठ आरोपितों के खिलाफ आर्म्स एक्ट में गिद्दी थाना में कांड संख्या 9/ 2021 दर्ज की गई थी. मामले में अमन श्रीवास्तव को छोड़कर अन्य आरोपित को जमानत मिल चुकी है. मामले में संजय नामक एक व्यक्ति के पास से पुलिस ने ऑटोमेटिक पिस्टल बरामद किया था. उसने अमन श्रीवास्तव गैंग के लिए इस ऑटोमेटिक पिस्टल को रखने की बात कही थी.