बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय करने पर सुनवाई अब 11 अगस्त को

राष्ट्रीय

नयी दिल्ली : राऊज एवेन्यू कोर्ट ने महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर सुनवाई टाल दी है. आज एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टली. मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी.

राजीव मोहन ने 9 अगस्त को दी थी दलील – चार्जशीट अलग- अलग दाखिल की जानी चाहिए थी

बृजभूषण शरण सिंह की ओर से वकील राजीव मोहन ने 9 अगस्त को दलील देते हुए कहा था कि बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर लगाए गए सभी आरोपों पर अलग- अलग जांच और चार्जशीट भी अलग- अलग दाखिल की जानी चाहिए थी, जबकि एक मामले में सभी 6 शिकायतकर्ताओं की शिकायतों के आधार पर एक ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई. बृजभूषण के वकील ने कहा था कि चार्ज फ्रेम करने के चरण में आरोपित को सुना जा सकता है.

आरोपों में से तीन घटना ही भारत में हुई, जो कोर्ट के क्षेत्राधिकार में

उन्होंने कहा था कि बृजभूषण के ऊपर लगाए गए आरोपों में से दिल्ली, बरेली और लखनऊ की तीन घटना ही भारत में हुई, जो कोर्ट के क्षेत्राधिकार में आते हैं. बाकी देश के बाहर हुई है. ऐसे में विदेश के बाहर की घटनाएं कोर्ट के क्षेत्राधिकार में तब तक नहीं आएंगीं, जब तक अनुमति नहीं ली जाती है.

मंगोलिया, जकार्ता में हुई घटना का ट्रायल भारत में नहीं चल सकता

बृजभूषण की ओर से कहा गया कि मंगोलिया, जकार्ता में हुई घटना का ट्रायल भारत में नहीं चल सकता, क्योंकि अपराध प्रक्रिया संहिता के तहत जहां पर घटना हुई है, ट्रायल भी वहीं होना चाहिए. मामले में पहली शिकायतकर्ता ने बृजभूषण शरण सिंह के ऊपर कर्नाटक के बेल्लारी में शोषण का आरोप लगाया है. लखनऊ और दिल्ली में अशोका रोड और सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में शोषण की घटना का आरोप लगाया है. उसका ट्रायल भी दिल्ली में नहीं किया जा सकता है.

शिकायतकर्ता ने टच करने गले लगाने का आरोप लगाया है

बृजभूषण के वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने बृजभूषण पर उसको 20-25 सेकेंड के लिए कस कर गले लगाने, 21 अशोका रोड में उसको टच करने और सिरीफोर्ट में गले लगाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा था कि कुश्ती में अमूमन मेल कोच ही होते हैं और जब कोई बड़ा इवेंट होता है तो वहां पर अक्सर देखने को मिलता है कि कोच खिलाड़ियों को लगे लगा लेते हैं. इसको गलत कहना सही नहीं है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *