हजारीबाग

हजारीबाग: चौपारण स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी सतीश कुमार 4,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, ACB की कार्रवाई से हड़कंप

हजारीबाग : हजारीबाग जिले के चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भ्रष्टाचार का गंभीर मामला उजागर हुआ है। इस केंद्र के प्रभारी सतीश कुमार को मंगलवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

ममता वाहन के बिलों के भुगतान के लिए मांगी थी रिश्वत

जानकारी के अनुसार, चौपारण प्रखंड के दादपुर गांव निवासी उज्जवल सिंह, जो कि ममता वाहन के मालिक हैं, ने ACB कार्यालय में सतीश कुमार के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। उज्जवल ने बताया कि उनके वाहन से संबंधित तीन से चार महीने के बिल बकाया थे, जिनकी कुल राशि लगभग 25,000 रुपये थी। बिलों के भुगतान के लिए प्रभारी सतीश कुमार ने उनसे 4,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

ACB ने बिछाया जाल, रंगे हाथ पकड़ा गया आरोपी

शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने पहले मामले की जांच की और उसके बाद सुनियोजित तरीके से जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया। जैसे ही उज्जवल सिंह ने आरोपी को घूस की रकम सौंपी, ACB की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर सतीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने रिश्वत की राशि भी जब्त कर ली है, जिससे आरोप सिद्ध हो गया।

हिरासत में पूछताछ, आगे की कार्रवाई जारी

ACB की टीम ने आरोपी को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आने की संभावना है। इसके साथ ही आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप

इस घटना के बाद चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित जिले भर के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। आम जनता के लिए संचालित ममता वाहन जैसी कल्याणकारी योजना में भी रिश्वतखोरी का मामला सामने आना बेहद चिंता का विषय बन गया है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है

ACB की इस कार्रवाई को आम लोगों ने सराहा है और उम्मीद जताई है कि ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई कर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जाएगी। वहीं, प्रशासन की ओर से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि अन्य शिकायतों की भी जांच तेज की जा सकती है।

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