Good Friday

पुण्य शुक्रवार- प्रभु येसु के दुःख भोग का स्मरण : फा. सुशील टोप्पो

राँची

संत थॉमस पोंतिफिकल यूनिवर्सिटी, रोम 

रांची : पुण्य शुक्रवार को गुड फ्राइडे से भी जाना जाता है . कथोलिक चर्च में केवल आज अर्थात पुण्य शुक्रुवार को मिस्सा बलिदान नही होता है, क्योंकि आज के दिन प्रभु येसु ने कलवारी पहाड़ पर मानव कल्याण के लिए अपनी कुर्बानी दी.

येसु  ने  विरोधियों को माफ किया

येसु अपनी अंतिम साँस लेने से पहले  अपने सभी विरोधियों को उनके गुनाहों के लिए, यह कह कर दिल से माफ किया “पिता इन्हें माफ करना ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं”. येसु मसीह ने न केवल अपने वचनों से बल्कि अपने जीवन से दुनिया को क्षमा करना सिखाया. वह दुःख, पीड़ा और कष्ट झेलते हुए भी क्रूस से माफ किया.

सिखाया- अपने दुश्मनों को भी प्यार करें

उसमे कोई बदले की भावना नहीं थी. उसने अपने चेलों को सिखाया कि अपने पड़ोसियों को अपने समान प्यार करों तथा अपने दुश्मनों को भी प्यार करें और उनकें के लिए प्रार्थना करें. अत: माफ करना ख्रीस्तीय की सबसे बड़ी पहचान हैं. क्योकि जहाँ सच्चा प्रेम है वहा क्षमा है.

गुड फ्राइडे के दिन येसु के पथ चिन्हों पर चलने के प्रेरणा लें

गुड फ्राइडे के दिन में ख्रीस्त विश्वासी येसु के दुःख भोग और मरण का स्मरण करते है और येसु के पथ चिन्हों पर चलने के प्रेरणा लेते है. आज की धर्म विधि के चार भाग होते है पहला-  में शब्द समारोह जिसमे येसु के दुःखभोग के वृतान्त को सुनाया जाता है.  दूसरा महाप्रर्थानाये, तीसरा पवित्र क्रूस की उपासना और चौथा परमप्रसाद.  पुण्य शुक्रवार या गुड फ्राइडे हम सभो के लिए एक विशेष संदेश देती है कि हम एक दूसरे को दिल से माफ करें.

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