गीता हर धर्म के व्यक्ति को सही जीवन जीने की सिखाती है कला : मां चैतन्य मीरा
मारवाड़ी महिला सम्मेलन का श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
रांची, 13 सितंबर । मारवाड़ी महिला मंच रांची शाखा की रजत जयंती वर्ष पर मारवाड़ी महिला सम्मेलन की ओर से महाराजा अग्रसेन भवन में शनिवार को आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन विश्राम आरती के साथ सपन्न हुआ। कथा के अंतिम दिवस में मां चैतन्य मीरा ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि गीता जीवन का ऐसा सार है, जो हर धर्म के व्यक्ति को सही जीवन जीने की कला सिखाती है।
उन्होंने सुदामा और भगवान श्रीकृष्ण की मित्रता का उदाहरण देते हुए कहा कि सच्ची मित्रता वही है, जिसमें ईर्ष्या या द्वेष की भावना न हो। ऐसे में वर्षों बाद मिलने पर भी वही प्रेम बना रहे।
इस अवसर पर झारखंड प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन के संयुक्त महामंत्री सह प्रवक्ता संजय सर्राफ ने सफल आयोजन पर मारवाड़ी महिला सम्मेलन की सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का नित्य अध्ययन जीवन की जटिल समस्याओं के समाधान का मार्ग दिखाता है। इससे न केवल पाप नष्ट होते हैं, बल्कि इसमें भरा गहन ज्ञान जीवन को दिशा देने में सहायक होता है। उन्होंने सभी को गीता का नित्य पाठ करने और इसे आचरण में उतारने की प्रेरणा दी।
समापन अवसर पर संस्था की सभी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत पौधे भेंट कर किया गया, ताकि समाज में पर्यावरण संरक्षण का संदेश जा सके। कथा के बाद भक्तों ने सामूहिक आरती कर यजमानों की ओर से आचार्यों से हवन कराया गया। तत्पश्चात महाप्रसाद का वितरण और भंडारे का आयोजन हुआ। इसमें श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नीरा बथवाल, रूपा अग्रवाल, गीता डालमिया, अनसूया नेवटिया, मधु सर्राफ, उर्मिला पाड़िया सहित अनेक बहनों ने योगदान दिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं और विभिन्न वर्गों से आए श्रद्धालु मौजूद थे।
