गणेशोत्सव पौराणिक कथाओं संस्कृति और आध्यात्मिकता से भरपूर है : संजय सर्राफ
रांची : विश्व हिंदू परिषद सेवा विभाग एवं राष्ट्रीय सनातन एकता मंच के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा है कि गणेश चतुर्थी पर्व 7 सितंबर दिन शनिवार को मनाया जाएगा. भाद्रपद पक्ष मे शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा का अवतरण हुआ था. इसलिए हर वर्ष इसी तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. यह उत्सव 10 दिनों तक यानी अनंत चतुर्दशी तक चलता है अनंत चतुर्दशी के दिन पवित्र नदी या घर में ही पानी के टब में गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है. भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी, तथा इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा.
ऐसे मे गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी भारत में सबसे व्यापक रूप में मनाया जाने वाला त्यौहारों मे से एक है. जिसे 10 दिनों तक चलने वाले विस्तृत अनुष्ठानों और भव्य उत्सव द्वारा चिन्हित किया जाता है ज्ञान और समृद्धि के हाथी के सिर वाले देवता भगवान गणेश को समर्पित यह वार्षिक हिंदू त्योंहार गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व रखता है 10 दिवसीय उत्सव जिसे विनायक चतुर्थी एवं गणेशोत्सव के रूप में भी जाना जाता है.
गणेश चतुर्थी उत्सव पौराणिक कथाओं संस्कृति और आध्यात्मिकता से भरपूर है यह भक्तों के जीवन में प्रिय देवता श्री गणेश के आगमन का प्रतीक है. तथा हिंदू मान्यताओं और परंपराओं की समृद्धि ताने-बाने को समेटे हुए हैं जो इसे भारत में वास्तव में एक प्रिय त्योहार बनाता है. यह दिन शिव और पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है. इस दिन लोग पंडालों अपने घरों एवं ऑफिस मे गणेश जी की मूर्ति का स्थापना करते हैं. तथा पूरे विधि विधान से विधिवत पूजा अर्चना करते हैं. मान्यता है कि इस दिन गणपति जी का धरती पर आगमन बप्पा भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए 10 दिन तक पृथ्वी पर वास करते हैं तथा गणेश चतुर्थी पर माता पार्वती और शंकर जी के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था. इस दिन घर में गणेश को विराजित करने से साल भर सुख, शांति, समृद्धि प्राप्त होती है.