अररिया के पूर्व सांसद एवं बिहार सरकार के पूर्व राज्य मंत्री सरफराज आलम को अपहरण के एक मामले में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायालय एमपी- एमएलए कोर्ट ने राहत देते हुए फैसला सरफराज आलम के पक्ष में सुनाया और साक्ष्य के अभाव में उसे बरी कर दिया.
मामला शंकर कुमार झा ने दर्ज करायी थी
कोर्ट ने यह फैसला सत्र वाद संख्या -14/2023 में सुनाया. मामला अररिया थाना प्रार्थमिकी कांड संख्या 175/1996 से संबंधित है. मामला शंकर कुमार झा के द्वारा दर्ज करायी गयी थी. जो कि तत्कालीन जूनियर इंजीनियर नवीन कुमार सिंह के घर व घर के सदस्यों की देखभाल के लिए घटना की रात मौजूद थे.
प्राथमिकी में नवीन कुमार सिंह को गाली गलौज देने का आरोप
दर्ज प्राथमिकी में 16 मई 1996 की रात अररिया स्थित मकान में आठ बजे अज्ञात बदमाशों के द्वारा घर में जबरन घुसकर नवीन कुमार सिंह को भद्दी गाली गलौज देने का आरोप लगाया गया था. जिस पर शिकायतकर्ता के द्वारा जूनियर इंजीनियर नवीन कुमार सिंह के पूर्णिया जाने की बात करते हुए परिसर से बाहर निकलने के लिए कहा था.
टॉर्च की रोशनी में मो. सरफराज आलम के पहचान का दावा किया था
आपने शिकायत में उन्होंने टॉर्च की रोशनी में मो. सरफराज आलम के पहचान का दावा किया था. जिस पर सरफराज आलम और उसके सहयोगियों पर पिस्तौल के सहारे मारपीट की घटना को अंजाम देने और जबरन मोटरसाइकिल पर बैठा कर अपहरण करने का आरोप लगाया गया था.
अपहरण कर नदी की ओर ले जाने की बात कही गयी थी
अपहरण कर वर्मा सेल, चरर्घरिया होते हुए नदी की ओर ले जाने की बात आवेदन में कही गयी थी. आवेदन में सरफराज आलम पर जान मारने की धमकी देने और केस नहीं करने की धमकी देते हुए वापसी में बेलवा पुल के पास धकेल कर गिरा देने की बात कही गयी थी. मामले में पूर्व सांसद सरफराज आलम को 27 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल में भी रहना पड़ा था.
पूर्व मंत्री की ओर से कौशल कश्यप ने अपना पक्ष रखा
पूर्व मंत्री की ओर से अधिवक्ता कौशल कश्यप ने न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखा और बहस की सुनवाई पूरी की. सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक राजानंद पासवान ने अभियोजन पक्ष रखा. मगर साक्ष्य के भाव में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज कुमार तिवारी ने पूर्व मंत्री को बाइज्जत बरी कर दिया.
सरफराज आलम पूर्व मंत्री तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं
उल्लेखनीय है सरफराज आलम राजद के कद्दावर नेता माने जाने वाले भारत सरकार के पूर्व गृह राज्य मंत्री तस्लीमुद्दीन के पुत्र हैं और वे बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं. साथ ही पिता की मृत्युपरांत अररिया लोकसभा के उपचुनाव में इलाके का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. सरफराज आलम के भाई शाहनवाज आलम बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री हैं.