पूर्व विधायक अमित महतो बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से पांच माह बाद निकले

राँची

रांची : झारखंड सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को वह बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से बाहर निकले हैं. अमित महतो 27 जून से जेल में बंद थे. उनके ऊपर सोनाहातु के तत्कालीन सीओ आलोक कुमार के साथ गाली-गलौच करने और दुर्व्यवहार करने का आरोप था.

अमित महतो को निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी

इस मामले में अमित महतो को निचली अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी भी चली गई थी. रांची के निचली अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद अमित महतो ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां उच्च न्यायालय के डबल बेंच के न्यायाधीश एस चंद्रशेखर एवं न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए दो साल की मिली सजा को कम करते हुए एक साल कर दी थी.

27 जून को अमित महतो ने सरेंडर किया था

इसी बीच वह सजा को काटने को लेकर 27 जून को अमित महतो ने रांची के निचली अदालत में सरेंडर किया था. तब से वह जेल में बंद थे. इस दौरान उन्होंने निचली अदालत एवं उच्च न्यायालय में भी जमानत की गुहार लगाई थी, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली, इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां उन्हें बीते सोमवार छह नवंबर को जमानत मिल गई. इसके बाद वह जेल से बाहर निकले जेल से बाहर निकालने के दौरान उनका भव्य स्वागत किया गया.

झामुमो में वापसी अब संभव नहीं

यह माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए अमित महतो ने सरेंडर किया था. उन्होंने अपनी आधी सजा काट ली, ताकि आगामी चुनाव में उन्हें किसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े. क्योंकि, उनकी विधायकी दो साल की सजा मिलने के कारण चली गई थी. ऐसे में झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा सजा कम करने पर वह अब चुनाव लड़ सकेंगे. पूर्व विधायक अमित महतो ने जेल से निकलते ही पत्रकारों से बातचीत में कहा कि झामुमो में वापसी अब संभव नहीं है. झामुमो को अब चुनाव के समय पता चलेगा कि कौन क्या है. सांसद हो या फिर विधायक खतियानी के बारे में सोचने वालों का मेरा समर्थन रहेगा. चुनाव से पूर्व पत्रकारों के समक्ष खुलासा करुंगा की किसके समर्थन में चुनाव लड़ना है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *