झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन कोलकाता से पहुंचे दिल्ली

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निजी काम से दिल्ली आया हूं : चम्पाई साेरेन

रांची : झारखंड की राजनीतिक तपिस एक बार फिर बढ़ती दिखायी दे रही है. भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच झारखंड में सियासी हलचल के बीच एक बड़ी खबर है कि कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता चम्पाई सोरेन झामुमो से नाता तोड़ कर बहुत जल्द भाजपा का दामन थामने के लिए रविवार सुबह दिल्ली पहुंच गए हैं.

चम्पाई सोरेन के साथ कोल्हान के कुछ विधायकों के भी साथ होने की चर्चा है. इनमें दशरथ गागराई, रामदास सोरेन, चमरा लिंडा, लोबिन हेंब्रम और समीर मोहंती का नाम शामिल है. एयरपोर्ट पर पत्रकाराें से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यहां अपने निजी काम से आया हूं. भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मैं जहां पर हूं वहीं पर हूं.

जब पत्रकाराें ने चम्पाई सोरेन से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि आप लोग जैसे हमको सवाल करते जा रहे हैं, उसमें हम क्या कहेंगे. हमने बोल दिया है कि हम निजी काम के लिए आए हैं और हम जहां पर हैं वहीं पर हैं. क्या कोलकाता में आपकी भाजपा नेता सुभेंदु अधिकारी से मुलाकात हुई इस सवाल का जवाब देते हुए चम्पाई सोरेन ने कहा कि हमारी कोलकाता में किसी से मुलाकात नहीं हुई है. मैं निजी काम से दिल्ली आया हूं. बाद में आप लोगों को बताएंगे. सोरेन ने कहा कि दिल्ली में उनकी बेटी रहती है, उसको देखने आये हैं. उनका दिल्ली आना-जाना लगा रहता है. चम्पाई सोरेन शनिवार रात कोलकाता पहुंचे थे. यहां वे होटल पार्क में ठहरे थे. कई मीडिया ने दावा किया कोलकाता में चम्पाई ने सुबेंदू अधिकारी से मुलाकात की. यह भी दावा किया गया था कि रविवार सुबह वे कोलकाता से एयर इंडिया की फ्लाइट 0769 से दिल्ली के लिए निकल चुके हैं. यहां वे भाजपा के सीनियर नेताओं से मुलाकात करेंगे. हालांकि, दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर चम्पाई ने भाजपा नेताओं से मिलने और भाजपा में शामिल होने की बात का जवाब नहीं दिया.

उल्लेखनीय है कि चम्पाई सोरेन के बेटे बबलू सोरेन भी चार दिनों से दिल्ली में हैं.

चम्पाई सोरेन के एक्स अकाउंट से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) हट गया है. उनके बायो में झामुमो का जिक्र नहीं है. चम्पाई सोरेन के नाम के साथ सिर्फ झारखंड का पूर्व मुख्यमंत्री लिखा हुआ है.

शिबू सोरेन के काफी करीबी रहे हैं चम्पाई

चम्पाई सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के काफी करीबी हैं और भरोसेमंद हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अभिभावक के रूप में उन्हें काफी सम्मान देते हैं. यही वजह है कि जब जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को जेल जानी पड़ी तो उन्होंने झारखंड की कमान चंपाई सोरेन को ही सौंपी. चम्पाई सोरेन झामुमो के स्तंभ हैं. कोल्हान में इनकी काफी पकड़ है. यही वजह है कि वहां भाजपा की मुश्किलें बढ़ जाती हैं. चम्पाई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

इससे पहले सरायकेला से झामुमो विधायक चम्पाई सोरेन 2010 में पहली बार मंत्री बने. भाजपा-झामुमो गठबंधन वाली अर्जुन मुंडा की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे. इसके बाद 2013 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मंत्री बनाए गए. 2019 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी तो हेमंत सोरेन की सरकार में 28 जनवरी, 2020 को इन्हें फिर मंत्री बनाया गया. फिलहाल, चम्पाई सोरेन हेमंत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.

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