रांची : फिल्म निर्माता और निर्देशक प्रकाश झा को झारखंड हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही एवं संज्ञान आदेश को निरस्त कर दिया है.
अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए निष्पादित कर दिया
झारखंड हाई कोर्ट में शुक्रवार को प्रकाश झा एवं अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सारी आपराधिक कार्यवाही एवं संज्ञान आदेश को निरस्त कर दिया. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत में लंबित टाइटल सूट की योग्यता पर कोई राय नहीं दी है. टाइटल सूट और उसका निर्णय बिना इस आदेश से प्रभावित हुए विधिसम्मत किया जाएगा. अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए निष्पादित कर दिया. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मामले की सुनवाई हुई.
इससे पूर्व याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला सिविल प्रकृति का है. कोतवाली थाना में दर्ज प्राथमिक की जांच के बाद पुलिस ने फाइनल फॉर्म जमा किया था, जिसमें कहा था कि यह मामला आपराधिक नहीं, बल्कि सिविल प्रकृति का है. 20 लाख रुपये के तीन बैंक ड्राफ्ट दिये गये थे. ड्राफ्ट भुनाया नहीं गया है. उन्होंने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया.
उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर के वार्ड संख्या 6 में 10000 वर्ग फुट सुपर बिल्ट एरिया को लेकर शिकायतकर्ता मैसेज क्लासिक मल्टीप्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी पवन कुमार सिंह के साथ एग्रीमेंट हुआ था. इसके लिए 20 लख रुपये का तीन बैंक ड्राफ्ट भी शिकायतकर्ता ने आरोपित को सौंपा था, लेकिन जब शिकायतकर्ता जमीन पर गए, तो उन्हें अंदर प्रवेश करने नहीं दिया गया. वहां के सुपरवाइजर ने कागजात देखने के बाद कहा कि आपके नाम से कोई बुकिंग नहीं है. इसके बाद उन्होंने निचली अदालत में शिकायतवाद दायर की थी.
अदालत के आदेश के बाद कोतवाली थाना में प्राथमिक की दर्ज की गई
अदालत के आदेश के बाद कोतवाली थाना में प्राथमिक की दर्ज की गई. मामले की जांच कर पुलिस ने फाइनल फॉर्म जमा किया और कहा कि यह सिविल प्रकृति का मामला है. हालांकि प्रोटेस्ट पिटीशन के बाद अदालत ने मामले में वर्ष 2018 में संज्ञान लिया था, जिसे प्रकाश झा एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी.