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हमारे प्रयास से इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआईटी का मिला दर्जा :सीएम

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पटना : शिक्षक दिवस के अवसर पर पटना विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम का राज्यपाल राजेंद्र विश्नाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया. इस अवसर पर संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय देश में सात विश्वविद्यालय थे, उस समय पटना विश्वविद्यालय उनमें से एक था. यह देश का सातवां विश्वविद्यालय था, जो वर्ष 1917 में बना था और अब यह 106 वर्ष का हो चुका है. पटना विश्वविद्यालय को केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिला किन्तु हमारे प्रयास से इंजीनियरिंग कॉलेज को एनआईटी का दर्जा मिल गया.

पटना यूनिवर्सिटी को आज तक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा नहीं मिला

मुख्यमंत्री ने कैबिनेट सचिव को कहा कि आज ही पटना विश्वविद्यालय के विकास कार्यों से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में लाइए, उसको हम पारित कराते हैं. हमलोगों ने एक-एक जगह पर पूरा काम किया है. पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में जब प्रधानमंत्री जी वर्ष 2017 में आए थे तो उनसे भी पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने का आग्रह किए थे मगर उन्होंने स्वीकार नहीं किया. पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की हमारी मांग शुरू से है. पटना विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए जो कुछ भी संभव होगा हमलोग उसके लिए काम करते रहेंगे. देश का सातवां विश्वविद्यालय होने का गौरव पटना विश्वविद्यालय को प्राप्त है इसलिए इसको भी केंद्रीय स्तर की मान्यता दी जानी चाहिए. जब तक हम जीवित हैं हमारा लगाव पटना विश्वविद्यालय से बना रहेगा. आपके बीच कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे काफी खुशी हो रही है.

पटना विश्वविद्यालय के विकास के लिए हमलोग हमेशा से तत्पर रहे हैं

सीएम ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय का शिक्षा एवं शोध में अभूतपूर्व योगदान है. इसके विकास के लिए हमलोग हमेशा से तत्पर रहे हैं. हम वर्ष 1966 में यहां पढ़ने आए थे उसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की इसलिए मेरा पटना विश्वविद्यालय से ज्यादा लगाव रहा है. वर्ष 1974 में जेपी आंदोलन यहीं से शुरू हुआ था. सीएम ने कहा कि आप उनलोगों को बुलाइएगा तो मैं मंच पर नहीं बल्कि आपलोगों के बीच में ही आकर बैठूंगा.

जब देश में 6 इंजीनियरिंग कॉलेज थे तब बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग उनमें से एक था

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शुरू से ही चाह रहे थे किए पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाए. हम इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़े हैं.जब हम अटल जी की सरकार में केंद्र में मंत्री थे और उस समय मानव संसाधन मंत्री मुरली मनोहर जोशी जी थे, तो हमने इस संबंध में उनसे मुलाकात की, उसके बाद हमारी बात मानी गई और बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एनआईटी का दर्जा मिल गया. एनआईटी काफी बेहतर बना है. पहले हमलोगों के समय 500 छात्र थे, अब 42 सौ छात्रों की क्षमता वाला इंजीनियरिंग कॉलेज हो गया है. एनआईटी के लिए हमलोगों ने 125 एकड़ जमीन आवंटित किया. जब देश में 6 इंजीनियरिंग कॉलेज थे तब बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग उनमें से एक था.

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