बिहार चुनाव से पहले चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, अब पोस्टल बैलेट की गिनती के बाद ही खुलेगा EVM का पिटारा
पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले चुनाव आयोग ने मतगणना प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पारदर्शिता को और मजबूत करते हुए आयोग ने पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम के “सेकंड लास्ट राउंड” की गिनती शुरू करने का फैसला लिया है।
पहले जहां पोस्टल बैलेट और ईवीएम की गिनती लगभग एक साथ शुरू हो जाती थी, अब नई व्यवस्था में साफ कर दिया गया है कि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने तक ईवीएम की अंतिम से पहले वाली गिनती रोकी जाएगी।
क्या था पहले और क्या है अब
अब तक की व्यवस्था में पोस्टल बैलेट की गिनती सुबह 8 बजे और ईवीएम की गिनती 8:30 बजे शुरू हो जाती थी। कई बार ऐसा होता था कि पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी भी नहीं होती थी और ईवीएम के नतीजे सामने आने लगते थे।
लेकिन अब आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि मतगणना की प्रक्रिया में एकरूपता लाने के लिए पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने के बाद ही ईवीएम की सेकंड लास्ट राउंड की गिनती शुरू होगी। यानी हर स्तर पर पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।
बिहार से होगी नई व्यवस्था की शुरुआत
चुनाव आयोग ने यह नई प्रक्रिया सबसे पहले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लागू करने का निर्णय लिया है। नवंबर में संभावित चुनावों को लेकर आयोग पूरी तैयारी में जुटा है और मतगणना प्रक्रिया को सुगम और साफ बनाने की दिशा में यह एक और ठोस कदम माना जा रहा है।
जहां ज़्यादा पोस्टल बैलेट, वहां होंगे ज़्यादा टेबल और स्टाफ
आयोग ने निर्देश दिया है कि जिन क्षेत्रों में पोस्टल बैलेट की संख्या अधिक होगी, वहां रिटर्निंग अधिकारी ज्यादा टेबल और मतगणना कर्मियों की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि मतगणना में देरी न हो और हर वोट की सही समय पर गिनती की जा सके।
पोस्टल बैलेट की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि
बीते कुछ वर्षों में आयोग ने 85 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए घर से मतदान की सुविधा दी है। इस कारण पोस्टल बैलेट की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए आयोग मतगणना की प्रक्रिया को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने में जुटा है।
6 महीने में 30 बड़े सुधार
पिछले 6 महीनों में चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को सुधारने के लिए 30 बड़े कदम उठाए हैं। इनमें वेबकास्टिंग, मोबाइल जमा सुविधा, आधुनिक पोलिंग बूथ, और टेक्नोलॉजी के बेहतर इस्तेमाल जैसे कई उपाय शामिल हैं।
