Dream11ने टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप छोड़ी: अब BCCI ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से नहीं जोड़ेगा रिश्ता
नई दिल्ली/रांची | 25 अगस्त: ड्रीम11 ने भारतीय क्रिकेट टीम की लीड स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया है। यह निर्णय ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने वाले नए कानून के लागू होने के बाद लिया गया। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि भविष्य में बोर्ड किसी ऑनलाइन रियलमनी गेमिंग कंपनी के साथ कोई करार नहीं करेगा।
तीन साल की डील, समय से पहले खत्म
ड्रीम11 ने 2023 में BCCI के साथ ₹358 करोड़ की तीन साल की स्पॉन्सरशिप डील साइन की थी, जो 2026 तक चलनी थी। इस करार के तहत:
हर घरेलू मैच के लिए BCCI को ₹3 करोड़ मिलते थे
हर विदेशी मैच के लिए ₹1 करोड़ का भुगतान किया जाता था
अब यह करार एशिया कप 2025 से पहले ही समाप्त हो गया है।
कोई जुर्माना नहीं लगेगा, स्पेशल क्लॉज का फायदा
ड्रीम11 को समय से पहले डील तोड़ने पर कोई जुर्माना नहीं देना होगा। इसकी वजह है करार में शामिल “स्पेशल क्लॉज”, जो कहता है:
यदि सरकार का कोई कानून कंपनी के मुख्य व्यवसाय को प्रभावित करता है, तो स्पॉन्सर बिना किसी दंड के अनुबंध समाप्त कर सकता है।
नया कानून रियलमनी गेमिंग पर रोक लगाता है, जिससे ड्रीम11 का कोर बिजनेस प्रभावित हुआ है। इसी आधार पर कंपनी ने अनुबंध खत्म किया।
अब कौन बनेगा नया स्पॉन्सर?
BCCI जल्द ही नए लीड स्पॉन्सर के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेगा। प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं:
टाटा ग्रुप – वर्तमान IPL स्पॉन्सर
रिलायंस – जियो स्पोर्ट्स के जरिए खेलों में सक्रिय
अडाणी ग्रुप – स्पोर्ट्स वेंचर्स में निवेश करता आ रहा है
ड्रीम11 की 67% कमाई रियलमनी फैंटेसी गेम्स से होती थी, जिसमें यूजर्स पैसे लगाकर टीमें बनाते थे और जीतने पर इनाम पाते थे।
नए कानून के बाद ये सेवाएं गैरकानूनी हो गई हैं। कंपनी के CEO हर्ष जैन ने कर्मचारियों से कहा कि अब इस बिजनेस को जारी रखना कानूनी रूप से संभव नहीं है। इसलिए ड्रीम11 अब अपने नॉनरियल मनी गेमिंग वेंचर्स पर फोकस करेगा।
ऑनलाइन गेमिंग कानून 2025: क्या है इसमें खास?
“प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025” को 22 अगस्त को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से यह पास हुआ था। कानून में चार अहम प्रावधान हैं:
1. रियलमनी गेम्स पर पूर्ण प्रतिबंध – चाहे वो स्किल बेस्ड हों या चांस बेस्ड।
2. कठोर सजा और जुर्माना – रियल मनी गेम्स ऑफर या प्रचार करने पर:
3 साल तक की जेल
1 करोड़ रुपये तक जुर्माना
विज्ञापन चलाने वालों को 2 साल की जेल और ₹50 लाख का जुर्माना
3. नियामक संस्था का गठन – जो गेम्स को रजिस्टर करेगी और तय करेगी कौन से गेम्स वैध हैं।
4. ईस्पोर्ट्स को मिलेगा बढ़ावा – जैसे PUBG, फ्री फायर जैसे गेम्स जिन्हें रियल मनी की जरूरत नहीं होती।
