Diwali Puja Niyam : दिवाली पूजन के नियम, इन बातों का ध्यान रखने से धन की देवी लक्ष्मी की बरसेगी कृपा
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 20 अक्टूबर, सोमवार के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। वहीं धनतेरस के साथ ही इसकी शुरुआत हो चुकी है। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। लेकिन दिवाली पूजन के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अन्यथा आपकी पूजा अधूरी रह सकती है। तो आइए विस्तार से जानें दिवाली पूजन के नियम…
पूजा के समय दिशा का रखें ख्याल
दिवाली के दिन पूजा करते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि हमेशा उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में ही पूजा करनी चाहिए। पूरे परिवार के साथ दिवाली की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और सभी सदस्यों पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही, पूजा के दौरान इस बात का ध्यान भी रखें की साधक का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
दिवाली पूजन में ऐसा दीपक जलाएं
मान्यता है कि दिवाली के दिन पूरे परिवार के साथ पूजा करते समय शुद्ध घी या तेल का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही, कपूर के साथ आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। पूजा में देवी-देवताओं को फूल-माला, भोग आदि भी जरूर चढ़ाना चाहिए।
दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
हर साल दिवाली पूजन के लिए हम लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति खरीदते हैं। उस समय इस बात का ख्याल जरूर रखें की मूर्तियां मिट्टी की बनी हों और माता लक्ष्मी व गणेशजी की मूर्ति एक साथ जुड़ी हुई न हों। लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति लेते वक्त इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। साथ ही, पुरानी मूर्तियों को बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।
माता लक्ष्मी की ऐसी हो मूर्ति
दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की प्रतिमा लेते समय इस बात का ख्याल रखें कि वो उसमें बैठी हुई मुद्रा में हों और हाथों से धन बरसा रही हों। साथ ही, माता लक्ष्मी लाल रंग के वस्त्र पहनकर कमल के आसन पर विराजमान हों। इस प्रकार की देवी की मूर्ति घर लाना बहुत शुभ माना गया है।
लक्ष्मी पूजन में इन बातों का ध्यान रखें
दिवाली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते समय उत्तर दिशा में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। साथ ही, देवी की पूजा में श्रीयंत्र, कौड़ी और गोमती चक्र जरूर रखना चाहिए। इसके बाद, प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त के वक्त विधि-विधान से माता लक्ष्मी की पूजा व आरती करें।
