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रांची : कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की सोमवार को विभागीय अधिकारियों के जवाब से नाराज दिखीं. जिला कृषि पदाधिकारियों के पास कृषि मंत्री के सवालों का जवाब नहीं था. कृषि विभाग के जरिये संचालित योजनाओं और उसके लाभुकों की सही जानकारी देने में जिला कृषि पदाधिकारी फिसड्डी साबित हुए.
दरअसल, रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में राज्य स्तरीय रबी कर्मशाला, 2024 का आयोजन किया गया था. इसका उद्देश्य किसानों को रबी फसल की सही जानकारी देना और उन्नत कृषि की ओर कदम बढ़ाना था. मंत्री ने सोमवार को कर्मशाला को संबोधित करना शुरू किया तो उन्होंने सबसे पहले जिला कृषि पदाधिकारी से विभाग के जरिये संचालित योजनाओं के बारे में सवाल पूछना शुरू किया. बोकारो जिला कृषि पदाधिकारी से इसकी शुरुआत हुई.
मंत्री ने जिला कृषि पदाधिकारी से योजना क्या है और इसके तहत कितने लाभुकों को लाभ मिला, ये जानना चाहती थीं लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं मिला. इसके बाद मंत्री ने धनबाद, दुमका और गोड्डा सहित कई जिलों से विभागीय योजना से संबंधित सवाल पूछे. किसी के पास मंत्री के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं था. मंत्री के सवाल पर हॉल के अंदर सन्नाटा पसरा रहा. वे इस दौरान काफी नाराज भी दिखीं.
मंत्री ने यहां तक कह दिया कि अधिकारी मक्खी मारने के लिए दफ्तर नहीं आए. साथ ही गोड्डा जिला कृषि पदाधिकारी के कार्यशाला से अनुपस्थित रहने पर शोकॉज करने का निर्देश दिया. मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि वे जब भी इस तरह की कार्यशाला में शिरकत करने आएं, तो पूरी तैयारी के साथ आएं.
मंत्री ने कहा कि पहले ही विभागीय अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन फील्ड विजिट करने का निर्देश दिया गया था. इसे हर हाल में पूरा करना है. 31 दिसंबर तक अलग-अलग कार्यशाला आयोजित करने का लक्ष्य दिया गया है. इसके बाद दो से तीन जनवरी तक राज्य कृषि निदेशक तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. इस रिपोर्ट में धरातल पर योजना की हकीकत और लाभुकों की संख्या को विशेष तौर पर अंकित किया जाएगा.