डिजिटल इंडिया बना 140 करोड़ देशवासियों की जीवनशैली का हिस्सा: बाबूलाल मरांडी
रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी नीतियों के चलते डिजिटल इंडिया आज भारत के 140 करोड़ नागरिकों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व ट्विटर) के माध्यम से डिजिटल इंडिया की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अभियान देश को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने में एक क्रांतिकारी कदम साबित हुआ है।
मरांडी ने कहा कि बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेती जैसे क्षेत्रों में डिजिटल इंडिया के जरिए आम नागरिकों को सहज, सुलभ और पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सस्ती और व्यापक इंटरनेट सेवा ने देश के दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोगों को भी डिजिटल सेवाओं से जोड़ा है।
उन्होंने डिजिटल इंडिया की प्रमुख उपलब्धियों की सूची साझा करते हुए कहा:
- भारतनेट योजना के तहत 5.85 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है, जिससे गांवों तक उच्चगति की इंटरनेट सुविधा पहुंची है।
- कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSC) की संख्या 5.7 लाख से अधिक हो गई है, जहां लोग आधार अपडेट, बिजली बिल भुगतान, प्रमाण पत्र और सरकारी योजनाओं की सेवाएं प्राप्त कर रहे हैं।
- जनधन योजना के माध्यम से 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए, जिससे समाज के वंचित तबके को भी वित्तीय तंत्र से जोड़ा जा सका।
- डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिये 34 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी गई।
- पीएम गडिसा (प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान) के तहत 6 करोड़ से अधिक नागरिकों को डिजिटल साक्षरता दी गई।
- डिजीलॉकर के माध्यम से 20 करोड़ से अधिक यूजर्स को बोर्ड, विश्वविद्यालय और सरकारी संस्थानों से सीधे दस्तावेज़ ऑनलाइन प्राप्त हो रहे हैं।
- ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार) से 1300 से अधिक मंडियों को जोड़ा गया, जिससे किसान फसल के भाव देख सकते हैं और सूचित निर्णय ले सकते हैं।
- पीएम किसान योजना के तहत 3 लाख करोड़ रुपये की राशि किसानों के खातों में सीधे भेजी गई।
- जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) के जरिए 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी खरीद अब डिजिटल माध्यम से हो रही है।
- नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत करोड़ों नागरिकों को हेल्थ आईडी दी गई है, जिसमें उनके इलाज का पूरा रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सुरक्षित है।
- यूपीआई (UPI) के माध्यम से प्रतिदिन 1100 करोड़ रुपये से अधिक के डिजिटल ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, जो भारत की विकसित डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रमाण है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डिजिटल इंडिया सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि यह एक समावेशी विकास की क्रांति है, जिससे हर वर्ग, हर क्षेत्र को फायदा मिल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा कि आने वाले समय में डिजिटल इंडिया भारत को विश्व में डिजिटल सुपरपावर बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा।
